रायपुर. कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ अपनी मांगो को लेकर जल्द ही प्रदर्शन की तैयारी में है, मांग है कि पिछले 6 महिने से प्रदेश के अधिकांश जिलों में पारिश्रमिक का भूगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कोटवारों को भारी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, प्रांतीय संघर्ष समिति के आव्हान पर कोटवार 22 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे.

कोटवारों का ये भी कहना है कि उन्हें नाम मात्र की पारिश्रमिक राशि दी जाती है 3 हजार से लेकर अधिकतम 6 हजार रूपये में कोटवारों को अपना गुजारा करना पड़ता है, ऐसे में 6 माह से पारिश्रमिक राशि नहीं दिया जाना ये कोटवारों के साथ घोर अन्याय है, शासन के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी कोटवारों का मानदेय कभी भी नियमित रूप से माह के प्रथम सप्ताह में नहीं दिया जाता.
कोटवारों के मानदेय की समस्या को लेकर कोटवारों का एक प्रतिनिधी मण्डल राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और वित्त मंत्री ओ.पी. चैधरी से भी मिलकर ज्ञापन भी सौंपा है, सरकार की तरफ से आश्वस्त दिया गया था कि माह फरवरी के प्रथम सप्ताह में मानदेय संबंधी आबंटन जिलों को भेज दिया जाएगा, परन्तु अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है जिससे कोटवार अब प्रदर्शन करने जा रहे है.
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ये है कोटवारों की मांग
(1) 6 माह से रूके मानदेय का तत्काल भूगतान किया जावे.
(2) कोटवारों से बेगारी लेना बंद किया जावे.
(3) प्रतिमाह नियमित पारिश्रमिक का भूगतान सुनिश्चित किया जावे, कलेक्टर दर पर मानदेय का निर्धारित किया जावे.
(4) कोटवारों के विरूद्ध मालगुजारी जमीन को लेकर की जा रही कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जावे.