रायपुर, 25 अक्टूबर। Korea : छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में कोरिया जिले ने कृषि क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की सिंचाई क्षमता में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जिले का कुल सिंचित रकबा जहाँ 18 हजार 13 हेक्टेयर था, वहीं अब यह बढ़कर 21 हजार 102 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।

सिंचाई प्रतिशत 13.72 से बढ़कर 34.55 हुआ
सिंचाई क्षेत्र में यह वृद्धि जिले की कृषि व्यवस्था और जल संसाधन प्रबंधन में आए सकारात्मक परिवर्तनों का परिणाम है। वर्ष 2000 में जिले का सिंचाई प्रतिशत 13.72 था, जो अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गया है।
रबी फसलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति
रबी फसलों के लिए सिंचित रकबे में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2000 में जहाँ 3 हजार 595 हेक्टेयर भूमि पर रबी फसलों को सिंचाई सुविधा प्राप्त थी, वहीं अब यह क्षेत्र बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर हो गया है।

2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाएँ संचालित
जल संसाधन संभाग, बैकुंठपुर के अनुसार, वर्तमान में जिले में 2 मध्यम और 58 लघु सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं। वर्ष 2000 में यह संख्या 1 मध्यम और 63 लघु परियोजनाओं की थी। इस दौरान अविभाजित कोरिया जिले की 43 लघु परियोजनाएँ नवगठित मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले को हस्तांतरित की गईं।
40 हजार से अधिक किसान ले रहे लाभ
सिंचाई परियोजनाओं से अब तक 40 हजार 210 किसान लाभान्वित हो रहे हैं। वर्ष 2000 में यह संख्या 28 हजार 619 थी। जिले में वर्तमान में कुल 60 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं, जिनमें से दो प्रमुख परियोजनाएँ हैं।

खेती का चेहरा बदला, ग्रामीण अर्थव्यवस्था हुई सशक्त
जिले में सिंचाई क्षमता में हुई यह वृद्धि न केवल कृषि उत्पादकता को बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और खेती अब अधिक टिकाऊ एवं लाभकारी बन गई है।


