Korba Breaking News
कोरबा। छत्तीसगढ़ की ऊर्जा नगरी कोरबा में भाजपा की गुटबाजी और अंदरूनी विवादों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब पार्टी के भीतर टिकट वितरण में पैसों के लेन-देन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि पार्षद का टिकट दिलाने के नाम पर एक वरिष्ठ कार्यकर्ता से एक लाख रुपये लिए गए, लेकिन जब टिकट नहीं मिला, तो पैसे भी वापस नहीं किए गए।
भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता खोमन लाल देवांगन, जो पिछले 25 वर्षों से पार्टी से जुड़े हुए हैं, उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन मंत्री को शिकायत भेजी है। उन्होंने बताया कि जब निगम चुनाव के लिए पार्षद टिकट के आवेदन मंगाए जा रहे थे, तब उन्होंने भी अपनी दावेदारी पेश की थी।
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इस दौरान बालको भाजपा मंडल अध्यक्ष दिलेन्द्र यादव, पूर्व मंडल अध्यक्ष शिव बालक सिंह तोमर और वरिष्ठ नेता सत्येन्द्र दुबे ने उनसे टिकट दिलाने के नाम पर पहले आठ लाख रुपये की मांग की। लेकिन इतनी बड़ी रकम देना उनके लिए संभव नहीं था। काफी बातचीत के बाद तीन लाख रुपये तक बात आई और आखिरकार एक लाख रुपये में सौदा तय हुआ।
खोमन लाल के अनुसार, तय रकम बालको ग्राउंड में बुलाकर नगद दी गई। उन्हें विश्वास दिलाया गया कि उनका नाम टिकट के लिए तय कर दिया जाएगा और वे चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। लेकिन जब टिकट की घोषणा हुई, तो उनका नाम सूची में नहीं था। उन्होंने जब इन नेताओं से पैसे वापस मांगे, तो उन्हें लगातार टालमटोल किया जाने लगा।
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अब जब महीनों बीत गए और पैसे लौटाने की कोई पहल नहीं हुई, तो पीड़ित ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से कार्रवाई की मांग की है। खोमन लाल का कहना है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो वे कानूनी प्रक्रिया अपनाने को मजबूर होंगे।
इस पूरे मामले ने भाजपा की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले ही पार्टी क्रॉस वोटिंग और गुटबाजी के आरोपों से जूझ रही है, अब टिकट वितरण में पैसों की लेन-देन का यह विवाद पार्टी के लिए और मुश्किलें बढ़ा सकता है। अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो विपक्ष को भाजपा पर हमला करने का एक और बड़ा मुद्दा मिल सकता है।