Kolkata rape murder case
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 8-9 अगस्त को आरजी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इस घटना के विरोध में न्याय की मांग के लिए डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस बीच, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टर अपने काम पर नहीं लौटते, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपी और डीएम को सख्त निर्देश भी जारी किए हैं।
बता दें कि , सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपी और डीएम को सख्त निर्देश भी जारी किए हैं।
डॉक्टर काम पर नही लौटे तो होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक , CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए उन्हें मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया हैं। अगर डॉक्टर इस समय सीमा के भीतर काम पर वापस नहीं लौटते, तो राज्य की ओर से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती हैं। हड़ताल के कारण अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, और लाखों मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं।
Kolkata rape murder case
आरजी हॉस्पीटल में बिना आईडीकार्ड के प्रवेश निषेध
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने CISF को निर्देश दिया है कि आरजी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में किसी भी व्यक्ति को बिना आईडी कार्ड/पहचान पत्र के प्रवेश की अनुमति न दी जाए। कोलकाता कांड के मामले में डॉक्टरों के वकील द्वारा एक साथ बात करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि अदालत में ऊंची आवाज में बात न करें। चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि इस मामले पर कोर्ट पहले ही विचार कर चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए उसकी फोटो सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
Kolkata rape murder case
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन करने सहित कई निर्देश जारी किए। वहीं 22 अगस्त को, कोर्ट ने अननेचुरल डेथ के मामले में देरी के लिए कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि “न्याय और चिकित्सा” को रोका नहीं जा सकता। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर, इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंप दी गई हैं।