Kochi Ship Accident
केरल के कोच्चि तट के पास अरब सागर में एक बड़ा समुद्री हादसा सामने आया है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार लाइबेरियाई ध्वज वाला कंटेनर जहाज MSC ELSA 3 रविवार सुबह समुद्र में डूब गया। जहाज पर कुल 643 कंटेनर लदे थे, जिनमें से 13 कंटेनरों में अत्यधिक खतरनाक रसायन, विशेष रूप से कैल्शियम कार्बाइड मौजूद था। यह रसायन पानी के संपर्क में आने पर ज्वलनशील एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जिससे आग या विस्फोट का खतरा बना हुआ है।
चालक दल सुरक्षित
घटना के समय जहाज पर मौजूद सभी 24 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनमें से 21 को भारतीय तटरक्षक बल और शेष 3 को भारतीय नौसेना के जहाज ‘सुजाता’ द्वारा बचाया गया।
Kochi Ship Accident
तेल और रसायनों से प्रदूषण का खतरा
बताया जा रहा है कि जहाज में लदे 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड था, जबकि उसके ईंधन टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीज़ल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था, जो अब समुद्र में लीक हो चुका है। इससे समुद्री पारिस्थितिकी, मछली पालन, और तटीय जीवन पर गंभीर पर्यावरणीय खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य भर के तटीय क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कोच्चि में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में, जिसमें मुख्य सचिव, नौसेना, तटरक्षक बल और पर्यावरण एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए, यह तय किया गया कि तटीय निगरानी और बचाव प्रयासों को तेज़ किया जाएगा।
बहते कंटेनरों से खतरा
प्रशासन का कहना है कि करीब 100 कंटेनर समुद्र में गिरने की संभावना है, और वे 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट की ओर बढ़ रहे हैं। इन कंटेनरों में तेल या रसायन हो सकते हैं, जो मानवीय और पर्यावरणीय नुकसान पहुँचा सकते हैं।
Kochi Ship Accident
जनता के लिए चेतावनी
सरकार और सीमा शुल्क विभाग ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी बहते कंटेनर, मलबे या तटीय इलाके में बहकर आई वस्तुओं को न छुएं और न उठाएं। ये सामान कस्टम क्लियरेंस के बिना था, अतः उन्हें उठाना गैरकानूनी और दंडनीय है।
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास
तेल फैलाव को नियंत्रित करने के लिए तटरक्षक बल की टीम सक्रिय है। उनका जहाज ‘सक्शम’ और डॉर्नियर विमान स्थिति का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण कार्रवाई युद्ध स्तर पर जारी है।
बता दें कि यह दुर्घटना समुद्री परिवहन, पर्यावरण सुरक्षा और तटीय निगरानी व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है। राज्य सरकार, नौसेना और पर्यावरण एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सतत प्रयास कर रही हैं, लेकिन आने वाले दिनों में तेल और रसायनों से होने वाला प्रदूषण तटीय जीवन को गहरा नुकसान पहुँचा सकता है।