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Friday, October 17, 2025

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Kargil Vijay Diwas : 1999 के उन 84 दिनों में भारत के वीर पुत्रों ने रचा था इतिहास, पीएम मोदी कारगिल में वीर शहीद जवानों को देंगे श्रद्धांजलि, दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग का करेंगे शिलान्यास

Kargil Vijay Diwas

आजादी के बाद से वैसे तो भारत और पाकिस्तान के बीच में 3 युद्ध हो चुके हैं। पहला 1965, दूसरा 1971 और तीसरा 1999 में। लेकिन सबसे भयानक और लंबा चलने वाला युद्ध था Kargil War जो 1999 में हुआ था। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ तीनों युद्ध जीते हैं। लेकिन कारगिल विजय दिवस, कारगिल युद्ध में भारत की जीत, भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि और उनकी वीरता को नमन करने के लिए मनाया जाता है। इस दौरान 674 भारतीय सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दे दिया। कारगिल शहीदों में से 4 को परमवीर चक्र, 10 को महावीर चक्र और 70 को उनके साहस के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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ये दिन भारतीय सेना के हर उस जवान को समर्पित है, जिन पर हर हिंदुस्तानी को गर्व है। आज 26 जुलाई को कारगिल युद्ध को 25 साल हो गए हैं। जिस इलाके में ये युद्ध लड़ा गया। वहां सर्दियों के मौसम में तापमान -50 तक चला जाता है। जिसके कारण सर्दियों में इन इलाकों को खाली कर दिया जाता था। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की गई।

दरअसल 3 मई 1999 को हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ के बारे में पता चला। जब कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष का युद्ध जो पुरे 84 दिन तक चला। 84 दिन बाद 26 जुलाई 1999 को भारत को इस युद्ध में जीत मिली थी।

Kargil Vijay Diwas

1999 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कारगिल सेक्टर से पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना की कार्यवाही को ‘ऑपरेशन विजय’ का नाम दिया गया था। वहीं, कारगिल वॉर में टोलोलिंग टॉप को कब्जे से छुड़ाने गई भारतीय सेना को तीन टुकड़ियों में बांटा गया था। इन्हें अभिमन्यु, भीम और अर्जुन नाम दिए गए थे।

वैसे तो इस युद्ध में हर एक जवान की भूमिका अहम रही, लेकिन कुछ के साहस और वीरता की कहानियां इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गईं। उनमें से एक हैं कैप्टन विक्रम बत्रा, जिन्हें कारगिल वॉर का हीरो भी कहा जाता है। 9 सितंबर 1974 को जन्मे Captain Vikram Batra इस युद्ध में 7 जुलाई 1999 को शहीद हो गए। उन्हें उनके साहस के लिए मरणोपरांत भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सर्वोच्च वीरता पुरस्कार Param Vir Chakra दिया गया।

पाकिस्तान के साथ आमने सामने की भयंकर लड़ाई में कैप्टन विक्रम बत्रा ने दुश्मन के 5 लोगों को मार गिराया। खुद गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद विक्रम बत्रा ने आगे बढ़कर अपने लोगों का नेतृत्व किया। कोई रास्ता न बचने पर भारी गोलीबारी के बीच दुश्मनों पर सामने से वार किया। असंभव लगने वाले काम को संभव करते हुए खुद शहीद हो गए।

Kargil Vijay Diwas

वही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई को 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल का दौरा करेंगे। इस दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। पीएम मोदी सुबह करीब 9:20 बजे कारगिल युद्ध स्मारक जाएंगे और बहादुरों को श्रद्धांजलि देंगे।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी शिंकू ला सुरंग परियोजना का शुभारंभ भी करेंगे। यह परियोजना खराब मौसम के दौरान लेह से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। आप को बता दें कि यह टनल सीमा तक रसद पहुंचाने का तीसरा और सबसे सुरक्षित विकल्‍प होगी।

मौजूदा समय में लेह लद्दाख के लिए पहला विकल्‍प जोजिला पास, जो पाकिस्‍तान सीमा क्षेत्र से सटा है और दूसरा विकल्‍प बारालाचा पास है, जो चीन सीमा से सटा है। अब यह तीसरा मार्ग शिंकू ला पास में टनल के माध्यम से बना है।

प्रधानमंत्री ने अपने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि 26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। हम 25वां कारगिल विजय दिवस मनाएंगे। यह उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जो हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। मैं कारगिल युद्ध स्मारक जाऊंगा और हमारे बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।

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