KANGANAS HATE SPEECH ON FARMERS
लखनऊ। बीजेपी सांसद कंगना रनौत के किसानों पर दिए गए बयान से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, ‘ये भाजपा की स्क्रिप्ट है, जिसे एक अभिनेत्री जी, शीर्ष निर्देशक जी के कहने पर संवाद के रूप में पढ़ रही हैं। जब एक सामान्य राजनीतिज्ञ भी ये समझता है कि, किसानों के प्रदेश में किसान-आंदोलन के बारे में अपशब्द कहने से उनको हानि होगी, तो क्या भाजपाई चाणक्य ये नहीं समझते हैं।
आगे सपा प्रमुख ने कहा, ‘इस प्रकरण की असली सच्चाई ये है कि ऐसी बात जानबूझकर कहलवायी गयी होगी, जिससे हरियाणा में पहले से तय हो चुकी हार का कारण ‘अभिनेत्री’ के बयान को बनाया जा सके और उस हार का दोषारोपण शीर्ष नेतृत्व पर न हो। ये बयान नहीं किसी को बचाने के ‘शब्द-ढाल’ है।’
KANGANAS HATE SPEECH ON FARMERS
किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने की विवादास्पद बयान
बता दे कि कंगना ने हाल ही में कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होगा तो भारत में “बांग्लादेश जैसी स्थिति” पैदा हो सकती थी। बीजेपी सांसद कंगना ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान वह शव लटक रहे थे और बलात्कार हो रहे थे। जाट किसान बहुल हरियाणा में विधानसभा चुनाव के तहत आगामी एक अक्टूबर को मतदान होने जा रहा है, ऐसे में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है।
इस बीच भाजपा ने अपनी सांसद के विचारों से असहमति व्यक्त की है और यह स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों पर टिप्पणी करने की न तो अनुमति है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों के हजारों किसानों ने कृषि कानूनों (अब निरस्त) को लेकर कई महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया था। कंगना के इस बयान पर हड़कंप मचते ही भारतीय जनता पार्टी ने कंगना रनौत के स्टेटमेंट से खुद को अलग कर लिया और एक पत्र जारी कर चेतावनी भी दी।
वही इस विवादित बयान पर रायबरेली सांसद राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है। ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।