Jhiram Ghati Kand
आज के दिन ही यानी की 25 मई 2023, ठीक 11 साल पहले नक्सलियों ने झीरम घाटी में सबसे बड़ा हमला कर खूनी खेल खेलकर नरसंहार किया था। जिसमे कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार समेत 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं की बीच रास्ते नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
इस बहुचर्चित हत्याकांड की जांच भाजपा सरकार के 5 साल और फिर कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल के बाद भी अधूरा ही रहा। हत्याकांड की और सुरक्षा में चूक के लिए अलग-अलग एंगल से भी जांच की गई। लेकिन इसके बाद भी इस नरसंहार के रहस्यों से अब तक पर्दा नहीं उठ सका है।
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झीरम में छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, वीसी शुक्ल, महेंद्र कर्मा समेत 30 कांग्रेसी मारे गए थे। हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने 2 दिन बाद ही 27 मई 2023 को एनआईए को सौंप दी थी।
वही इस नरसंहार के 11 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी झीरम के जख्म हरे के हरे ही हैं। आंसुओं और दर्द में आज भी झीरम के पीड़ित डूबे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। दूसरी ओर, इस घटना पर राजनीति लगातार जारी है।
यहां गांवों में नक्सलियों की दहशत अब भी इतनी है कि अगर ग्रामीण पुलिस वालों से बात करता दिखा या शिकायत हुई तो उसके नक्सिलयों के हाथों मारे जाने डर बने रहता है। यहां लोग थानों में गुमशुदगी की रिपोर्ट तक नहीं दर्ज करवाते है।