JHANSI MEDICAL COLLEGE FIRE
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। घटना में कई बच्चे और लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
हादसे का कारण पहले शॉर्ट सर्किट बताया गया, लेकिन चश्मदीदों ने इसे लापरवाही का नतीजा बताया। माचिस की एक तीली ने पूरे वार्ड को चपेट में ले लिया। तो वहीं अब प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चश्मदीदों का दावा है कि अगर सावधानी बरती गई होती तो यह हादसा टाला जा सकता था।
JHANSI MEDICAL COLLEGE FIRE
चश्मदीद लोगो ने बताया लापरवाही का नतीजा
हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास उस वक्त वार्ड में मौजूद थे। भगवान दास ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही तीली जली, पूरे वार्ड में आग भड़क गई। भगवान दास ने तुरंत अपने गले में पड़े कपड़े से तीन-चार बच्चों को लपेटकर बाहर निकाला। इसके बाद वार्ड में अफरातफरी मच गई। हादसे के वक्त अस्पताल के फायर अलार्म और आग बुझाने वाले सिलेंडर भी काम नहीं कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मृतक शिशुओं के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों को 50,000 रुपए देने का ऐलान किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मृतक नौनिहाल के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।
JHANSI MEDICAL COLLEGE FIRE
हादसे को लेकर उठते वो 7 सवाल…
- क्या आस-पास कोई फायर एक्सटिंग्विशर था? फायर एक्सटिंग्विशर, मतलब अग्निशामक यंत्र, जिसका इस्तेमाल आग बुझाने के लिए होता है.
- अगर फायर एक्सटिंग्विशर NICU के पास था तो उसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?
- क्या कोई फायर एक्सपर्ट, फायर फाइटर ऐसे हालात से निपटने के लिए अस्पताल में मौजूद था?
- ऐसे हालात से निपटने के लिए अस्पताल में पहले से इंतजाम होते हैं. फरवरी में मेडिकल कॉलेज का फायर सेफ्टी ऑडिट भी की गई थी और जून में मॉक ड्रिल भी की गई थी, तो फिर जब यह हालात बने तो क्यों आग पर फौरन काबू नहीं पाया गया
- दमकल टीम को पहुंचने में देरी क्यों हुई?
- मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद शुरू में सिर्फ दो फायर टेंडर्स क्यों भेजे गए?
- अस्पताल में लगा सेफ्टी अलार्म क्यों नहीं बजा?