Jama Masjid
नई दिल्ली। देश में जहां एक ओर औरंगजेब की कब्र को लेकर विवादों की बयार चल रही है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली से एक ऐसी खबर सामने आई है जो दिलों को सुकून देने वाली है और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती है। रमजान के पवित्र महीने में दिल्ली की रहने वाली नेहा भारती, जो एक हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, हर रोज जामा मस्जिद पहुंचकर रोजेदारों को इफ्तार करवा रही हैं।
नेहा भारती, जो दिल्ली में एक एनजीओ भी संचालित करती हैं, हर शाम अपने हाथों से तैयार की गई इफ्तारी लेकर जामा मस्जिद पहुंच जाती हैं। वहां वे न केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को इफ्तार कराती हैं, बल्कि मोहब्बत और भाईचारे की एक नई कहानी भी लिख रही हैं।
Jama Masjid
नेहा का कहना है कि उन्हें इस काम की प्रेरणा उनके घर वालों से मिली। शुरुआत में वह असमंजस में थीं कि कहां से शुरुआत करें, लेकिन फिर उन्हें जामा मस्जिद का ख्याल आया, जो उनके घर के पास ही है और जहां रोज बड़ी संख्या में लोग इफ्तार के लिए आते हैं।
Jama Masjid
नेहा बताती हैं कि इस नेक काम में उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों का भरपूर सहयोग मिलता है। सोशल मीडिया पर नेहा के इफ्तार कराने के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन पर लाखों लोग प्रतिक्रिया दे चुके हैं। एक यूजर ने लिखा, “दीदी अल्लाह आपको खूब कामयाबी दे।” वहीं दूसरे यूजर ने कहा, “इस नेक काम में मुझे भी शामिल कर लो।”
नेहा भारती का यह प्रयास यह दिखाता है कि समाज में भाईचारा, मोहब्बत और इंसानियत आज भी जिंदा है। धार्मिक राजनीति की चकाचौंध के बीच नेहा जैसे लोग समाज में शांति और सौहार्द का संदेश फैलाने में लगे हैं।