Jaipur Sexual Harassment
जयपुर। 1 अप्रैल का दिन था। एक सात साल की बच्ची अपने नए स्कूल में पहली बार गई थी। घर में खुशी का माहौल था क्योंकि अगले दिन उसका जन्मदिन था। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि उसके जीवन की ये शुरुआत ही उसकी मासूमियत को कुचल देगी।
जन्मदिन पर टूटी मासूमियत
2 अप्रैल को उसका जन्मदिन था। उसी दिन स्कूल बस के कंडक्टर ने पहली बार उसके साथ कुछ ऐसा किया, जिससे उसकी मासूम दुनिया हिल गई। बच्ची ने बताया — “भैया ने कहा, गेम खेलते हैं। फिर बोले सीट के नीचे छुप जाओ। वहां उन्होंने मुझे किस किया।”
हर दिन का डर
इसके बाद यह सिलसिला रोज़ चलता रहा। वह बच्ची बताती है, “वो मुझे अकेले में ले जाते थे, गोद में बिठाते थे, अपने मोबाइल में फोटो दिखाते थे, और बार-बार मुझे किस करते थे। मैं डर के मारे किसी से कुछ नहीं कहती थी क्योंकि वो बस में बच्चों को मारते भी थे।”
Jaipur Sexual Harassment
एक चॉकलेट से खुला राज
एक दिन उसकी मां ने उसके बैग में एक चॉकलेट देखी। पूछा तो बच्ची ने मासूमियत से कहा — “बस वाले भैया ने दी है। वो मेरे साथ लुका-छुपी खेलते हैं, और जब मैं छुपती हूं तो वो मुझे किस करते हैं।”
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मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत पिता को बताया। स्कूल में शिकायत की, लेकिन वहां से जो प्रतिक्रिया मिली, वो और भी शर्मनाक थी।
स्कूल का असंवेदनशील रवैया
परिवार जब स्कूल पहुंचा, तो वहां शुरुआत में टालमटोल की गई। जब उन्होंने जोर दिया, तो आरोपी कंडक्टर को बुलाया गया। वह पहले तो मना करता रहा, लेकिन FIR की बात सुनकर उसने अपनी गलती कबूल कर ली।
पर स्कूल प्रशासन ने इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बच्ची के माता-पिता से कहा कि “लड़का नाबालिग है, हम उसे नेपाल भेज देंगे। आप शिकायत मत कीजिए।”
Jaipur Sexual Harassment
TC देने से इनकार, दबाव बनाने की कोशिश
स्कूल ने फीस वापस करने की पेशकश की लेकिन ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) देने से मना कर दिया। उल्टा यह कहा गया कि बच्ची का कहीं और एडमिशन करवा देंगे, बस आप मामले को यहीं खत्म कर दीजिए।
स्कूल अब यह दावा कर रहा है कि वह लड़का स्टाफ में नहीं था, सिर्फ किसी कुक का रिश्तेदार था जो बस में घूमने आ जाता था। लेकिन परिवार का आरोप है कि स्कूल झूठ बोलकर आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहा है।
परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। CCTV फुटेज की जांच चल रही है। आरोपी नाबालिग बताया गया है और स्कूल के एक कर्मचारी का रिश्तेदार है। आज भी वह बच्ची रात को अचानक उठ जाती है, रोने लगती है, मां से पूछती है — “मम्मी, उस बैड भैया को सजा मिलेगी ना?”
अब क्या ज़रूरी है?
- सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए — चाहे आरोपी नाबालिग हो या नहीं।
- स्कूल की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
- बच्ची और परिवार को मानसिक सहयोग और काउंसलिंग दी जानी चाहिए।
- समाज को इस मामले में चुप नहीं रहना चाहिए।