ISRO Spadex Mission
नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी, इसरो (ISRO) साल के आखरी दिन आज यानि 30 दिसंबर को रात 9:58 बजे श्रीहरिकोटा से स्पेडएक्स मिशन लॉन्च करने जा रहा है। बता दें कि इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट को मिलाया जाएगा। इसे डॉकिंग कहा जाता है।
इसरो का यह मिशन अगर सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। बता दें कि इन देशों के पास ही अभी बाहरी अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यान या उपग्रहों को डॉक (जोड़ने) और अनडॉक (अलग) की क्षमता है। इस मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है, जिसमें चंद्रमा की मिट्टी के सैंपल पृथ्वी पर लाए जाएंगे।
अमेरिका ने किया था सबसे पहले परीक्षण
अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट की पहली डॉकिंग 16 मार्च, 1966 को जेमिनी VIII मिशन में पूरी की गई थी। जेमिनी VIII स्पेसक्राफ्ट एजेना टारगेट व्हीकल के साथ डॉक किया गया, जिसे उसी दिन पहले लॉन्च किया गया था। वहीं रूस ने पहली बार 30 अक्टूबर, 1967 को दो स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में डॉक किए थे।
तब अनमैन्ड कोसमोस 186 और 188 ऑटोमैटिकली डॉक किए गए थे। वहीं इसके अलावा चीन की पहली स्पेस डॉकिंग 2 नवंबर, 2011 को हुई थी, जब बिना चालक दल वाले शेनझोउ 8 स्पेसक्राफ्ट ने तियांगोंग-1 स्पेस लैब मॉड्यूल के साथ सफलतापूर्वक डॉक किया था। डॉकिंग चीन के गांसु में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में हुई।