ISI Agent Arrested In Rajasthan
राजस्थान की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र से एक पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान पठान खान के रूप में हुई है, जो लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था। यह मामला देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर और चौंकाने वाला है, क्योंकि आरोपी सीधे तौर पर भारतीय सेना की गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था।
जानकारी के अनुसार, पठान खान को पहले भी एक महीने पहले शक के आधार पर हिरासत में लिया गया था, लेकिन उस समय पर्याप्त सबूत नहीं थे। इस बार जब जांच एजेंसियों ने गहराई से पड़ताल की, तो एक ऐसा जासूसी नेटवर्क सामने आया, जो न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी कर रहा था, बल्कि सेना की मूवमेंट, अभ्यास और सामरिक जानकारी को सीधे दुश्मन देश तक पहुंचा रहा था।
ISI Agent Arrested In Rajasthan
पूछताछ में पठान खान ने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2013 में पाकिस्तान गया था, जहां वह ISI के एजेंटों के संपर्क में आया। उसे धन का प्रलोभन दिया गया और जासूसी की बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई। इसके बाद वह भारत लौटा और जैसलमेर में तैनात सेना की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। उसने अपने मोबाइल फोन से सेना की आवाजाही, अभ्यास के वीडियो, तस्वीरें और अन्य जानकारियां पाकिस्तान भेजनी शुरू कर दीं।
इतना ही नहीं, पठान खान ने ISI अधिकारियों को भारतीय सिम कार्ड भी मुहैया करवाए, जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना के जवानों को महिला एजेंटों के माध्यम से हनीट्रैप में फंसाने के लिए किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि पठान खान दोबारा वर्ष 2019 में पाकिस्तान गया था, जहां उसने फिर से अपने पाकिस्तानी संपर्कों से मुलाकात की और जासूसी नेटवर्क को और मज़बूत किया।
गिरफ्तारी के बाद उसे जयपुर लाया गया है, जहां उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। मोबाइल, सिम कार्ड, इंटरनेट गतिविधियों और चैट रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि उसने अब तक क्या-क्या जानकारी पाकिस्तान को दी है और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।
ISI Agent Arrested In Rajasthan
ADG इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने पुष्टि की है कि पठान खान एक सक्रिय पाक एजेंट था और उसके पास से कई संवेदनशील सूचनाओं के सबूत मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी गिरफ्तारी से देश की सुरक्षा से जुड़े कई बड़े राज़ सामने आ सकते हैं और जांच एजेंसियां हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा पर एक बड़े खतरे की ओर संकेत करता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में इस तरह की जासूसी गतिविधियां भारत की सामरिक तैयारियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए खुफिया एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं।