रायपुर, 04 नवम्बर। Irrigation Development : छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश के किसान आज अधिक खुशहाल और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि जांजगीर-चांपा जिले ने राज्य की रजत जयंती वर्ष में सिंचाई के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की सिंचित रकबा में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्ष 2000 में जिले का सिंचित रकबा 1,15,868 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 1,40,366 हेक्टेयर हो गया है। यह उपलब्धि सरकार की योजनाओं, सिंचाई परियोजनाओं और जल संसाधन प्रबंधन में हुए सकारात्मक बदलावों का परिणाम है।
नहरों से सिंचाई में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
वर्ष 2000 में जांजगीर-चांपा (नवीन सक्ती जिले सहित) में नहरों से सिंचाई का प्रतिशत 62 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है। यह वृद्धि कृषि अवसंरचना और जल प्रबंधन में आई मजबूती का परिचायक है।
रबी फसलों के लिए सिंचाई रकबे में भी अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की गई है। जहां वर्ष 2001 में केवल 145 हेक्टेयर भूमि पर रबी फसलों की सिंचाई होती थी, वहीं अब यह बढ़कर 57,862 हेक्टेयर (वर्ष 2024-25) तक पहुंच गई है।
वर्ष 2000 में जिले में 39 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित थीं। वर्तमान में (वर्ष 2025 तक) यह संख्या बढ़कर 85 लघु परियोजनाओं तक पहुंच गई है, जिनमें जलाशय, एनीकट और स्टॉप डेम शामिल हैं।
इनमें से 18 परियोजनाएं नवगठित सक्ती जिला, तथा 1 परियोजना कोरबा जिले को हस्तांतरित की गई है।
इसके अलावा जिले में कुदरी बैराज, शिवरीनारायण बैराज और बसंतपुर बैराज जैसे महत्वपूर्ण बैराजों का निर्माण किया गया है, जो जिले की सिंचाई व्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं।
किसानों को मिल रहा सीधा लाभ
वर्ष 2000 में जांजगीर-चांपा (नवीन सक्ती जिले सहित) में 3,26,188 कृषक सिंचाई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे।
वर्तमान में जिले (सक्ती जिले को छोड़कर) में 1,87,740 किसान सीधे इन परियोजनाओं से लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
हसदेव नदी पर बने हसदेव बांगो बांध से जिले के किसानों को खरीफ और रबी दोनों मौसमों में पर्याप्त सिंचाई जल मिल रहा है। इससे न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ी है, बल्कि किसानों की आय और जीवन-स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में मजबूत कदम
राज्य सरकार की सिंचाई योजनाएं, जल संरक्षण के प्रयास और आधुनिक तकनीकों के उपयोग ने जांजगीर-चांपा को प्रदेश के अग्रणी कृषि जिलों में शामिल कर दिया है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में जिले के प्रत्येक किसान तक सिंचाई और जल संरक्षण सुविधाएं पहुंचाई जाएं, ताकि खेती पूरी तरह से लाभकारी बन सके।
छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। जांजगीर-चांपा में सिंचाई क्षमता में हुई यह वृद्धि राज्य की कृषि नीति की सफलता का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में हम हर खेत तक पानी पहुंचाने और हर किसान को समृद्ध बनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
