Iran-Israel War
मध्य-पूर्व में तनाव ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान पर बड़ा सैन्य हमला कर दिया है। इस हमले की पुष्टि खुद इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने की है। उन्होंने बताया कि इजराइली फाइटर जेट्स ने तेहरान और उसके आसपास के कई रणनीतिक और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली एयरफोर्स ने कम से कम 6 ठिकानों पर हमला किया, जिनमें 4 परमाणु से जुड़ी अत्यंत संवेदनशील जगहें शामिल थीं। हमले में ईरान की रक्षात्मक क्षमता को गहरी चोट पहुंची है।
ईरान के सरकारी मीडिया ने भी इस हमले की पुष्टि की है। सबसे बड़ी खबर ये है कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। वह ईरानी सेना की सबसे ताकतवर शख्सियतों में से एक थे।
Iran-Israel War
अल-जज़ीरा की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हमले में दो प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिक – डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची और डॉ. फरदून अब्बासी मारे गए हैं। ये दोनों वैज्ञानिक ईरान के एटमी कार्यक्रम के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाते थे।
इसके अलावा, इजराइल ने यह दावा भी किया है कि ईरान के आर्मी चीफ जनरल मोहम्मद बाघेरी, और सेना के अन्य शीर्ष अधिकारी भी इस हमले में मारे गए हैं।
इजराइल के इस हमले को उसकी “प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक” यानी पूर्व-आक्रमण के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निर्णायक रूप से कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा है।
Iran-Israel War
परिणाम और वैश्विक प्रतिक्रिया:
अब पूरे क्षेत्र में तनाव का स्तर अपने चरम पर पहुंच चुका है। यूएन, अमेरिका, रूस और चीन समेत कई बड़े देश इस हमले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले 24 घंटे मध्य-पूर्व की दिशा तय कर सकते हैं।
इस हमले से ना केवल ईरान-इजराइल रिश्तों में पूरी तरह दरार पड़ गई है, बल्कि यह हमला संभावित रूप से एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध की शुरुआत भी बन सकता है। यदि ईरान ने इसका जवाब दिया, तो पूरा मध्य-पूर्व युद्ध की चपेट में आ सकता है।