चंडीगढ़, 09 अक्टूबर। IPS suicide Case : हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले ने अब गंभीर रूप ले लिया है। अधिकारी की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अफसर अमनपीत पी. कुमार ने आरोप लगाया है कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का परिणाम है। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और अन्य आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वह अपने पति का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगी।
क्या है मामला?
वाई. पूरन कुमार का शव हाल ही में उनके सरकारी आवास में मिला था। मौके से 8 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने वर्ष 2020 से अब तक जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना, अपमान और अत्याचार की विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है।
IAS पत्नी की गंभीर शिकायतें
अमनपीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में निम्नलिखित आरोप और मांगें की हैं, SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं, सामाजिक और मानसिक शोषण का नतीजा है। DGP शत्रुजीत कपूर और SP नरेंद्र बिजारनिया पर मानसिक उत्पीड़न और प्रणालीगत भेदभाव के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मांग की है कि इन अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, ताकि वे सबूतों से छेड़छाड़ न कर सकें। उन्होंने कहा, जब तक जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी नहीं होती, मैं पति का पोस्टमार्टम नहीं होने दूंगी। न्याय सुनिश्चित होना चाहिए।
सिस्टम पर गंभीर सवाल
इस मामले ने न सिर्फ हरियाणा पुलिस और प्रशासन बल्कि पूरे सिविल सेवा तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुसाइड नोट में दर्ज विवरण और पत्नी द्वारा उठाए गए गंभीर आरोप, जातिगत भेदभाव और उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर एक बड़ी बहस को जन्म दे रहे हैं।
जांच और अगला कदम
यह मामला अब उच्च स्तरीय जांच के दायरे में आ चुका है। सरकार और प्रशासन पर अब यह दबाव है कि इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष और तेज़ जांच कराते हुए दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए। अमनपीत पी. कुमार के इस कड़े रुख और न्याय की मांग ने प्रशासनिक गलियारों में तनाव और हलचल दोनों बढ़ा दिए हैं।
क्या लिखा था सुसाइड नोट में?
सूत्रों के मुताबिक, 8 पन्नों के सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने लिखा, मेरे आत्मसम्मान को बार-बार कुचला गया। मुझे बार-बार मेरी जाति का एहसास दिलाया गया। मेरी निष्ठा और ईमानदारी को मेरी कमजोरी समझा गया। मैं थक चुका हूं।