चंडीगढ़, 08 अक्टूबर। IPS Suicide : हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी ADGP वाई पूरन कुमार ने रविवार, 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-11 की है। घटना के समय वे घर पर अकेले थे। मौके से 9 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने मानसिक और प्रशासनिक उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव और वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये को आत्महत्या की वजह बताया है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में 8 आईपीएस और 2 आईएएस अधिकारियों पर लगातार मानसिक और प्रशासनिक दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। नोट में उन्होंने लिखा- “मैं जातिवाद, पदोन्नति में भेदभाव, ACR में हेरफेर, और सरकारी सुविधाओं से वंचित किए जाने से मानसिक रूप से टूट चुका हूं।”
पूर्व डीजीपी हरियाणा पर उन्होंने विशेष रूप से निशाना साधा है और आरोप लगाया कि उन्होंने जातिगत आधार पर उनका करियर प्रभावित किया।
बता दें कि, घटना रविवार सुबह की है, जब घर से गोली चलने की आवाज आई। पुलिस पहुंची तो कुमार खून से लथपथ हालत में मृत पाए गए। वे छुट्टी पर चल रहे थे, और हाल ही में रोहतक रेंज IG से हटाकर PTC सुनारिया IG के पद पर भेजे गए थे, जिसे ‘पनिशमेंट पोस्टिंग’ माना जा रहा था। आत्महत्या के समय उनकी पत्नी अमनीत कौर, जो कि IAS अधिकारी हैं, मुख्यमंत्री के साथ जापान दौरे पर थीं।
PSO रिश्वत कांड से विवादों में आए
कुछ महीने पहले उनके PSO सुशील कुमार पर शराब कारोबारी से मंथली वसूली की कोशिश का आरोप लगा। कारोबारी प्रवीण बंसल की शिकायत पर FIR दर्ज हुई। सुशील ने पूछताछ में कहा कि उसने ADGP पूरन कुमार के कहने पर पैसा मांगा था। इस केस में ऑडियो क्लिप भी सामने आई, जिसके बाद सुशील गिरफ्तार होकर जेल भेजा गया।
इस केस ने पूरन कुमार की छवि को झटका दिया और विभागीय हलकों में इसे प्रेसर टैक्टिक के रूप में भी देखा गया।
अपने मुखर रवैये के लिए जाने जाते थे
2001 बैच के IPS अधिकारी पूरन कुमार, अपने सख्त, कानून-परस्त और स्पष्टवादी रवैये के लिए जाने जाते थे। उन्होंने IGP (रोहतक रेंज), IGP (लॉ एंड ऑर्डर), IG (टेलीकॉम) और अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे लगातार प्रशासनिक अनियमितताओं, भेदभाव, और जातिगत पक्षपात के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दाखिल करते रहे। उन्होंने 2020 में DGP मनोज यादव, 2024 में DGP शत्रुजीत कपूर, और ACS राजीव अरोड़ा जैसे शीर्ष अधिकारियों पर सिस्टमेटिक टारगेटिंग के आरोप लगाए थे।
संपत्ति पत्नी के नाम
सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी पूरी चल-अचल संपत्ति पत्नी अमनीत कौर के नाम करने की बात लिखी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके साथ SC समुदाय से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ा।