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Monday, June 2, 2025

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International Space Station : अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर एक तैरता हुआ शहर, जानिए क्या है ISS?

International Space Station

रायपुर। धरती के ऊपर, हमारी आंखों से ओझल, अंतरिक्ष में एक ऐसा अद्भुत ढांचा मौजूद है, जो विज्ञान और मानवता के लिए एक मिसाल है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS), यह सिर्फ एक यान नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता अंतरिक्ष शहर है, जहां विज्ञान, सहयोग और साहस की कहानी हर पल लिखी जाती है।

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क्या है ISS?

ISS पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जो हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगाती है। इसकी गति इतनी तेज है कि यह दिन में करीब 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखता है। यह स्टेशन पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर स्थित है और इसे आप कभी-कभी रात के आसमान में एक चमकते बिंदु के रूप में देख सकते हैं।

कैसे बना यह अंतरिक्ष स्टेशन?

ISS एक देश का प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि पांच अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों का संयुक्त प्रयास है – NASA (अमेरिका), Roscosmos (रूस), JAXA (जापान), ESA (यूरोप), और CSA (कनाडा)। इसके निर्माण में 1998 से शुरुआत हुई और आज भी इसमें नए हिस्से जोड़े जाते हैं। इस प्रोजेक्ट पर 100 अरब डॉलर से अधिक खर्च हो चुका है, जो इसे मानव इतिहास का सबसे महंगा विज्ञान मिशन बनाता है।

International Space Station

क्या होता है ISS में?

यहां अंतरिक्ष यात्री महीनों तक रहते हैं और जीवन, ब्रह्मांड, और पृथ्वी से जुड़े वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं। कम गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण में यहां ऐसे प्रयोग होते हैं जो धरती पर संभव नहीं। यह स्वास्थ्य, दवाइयों, नई तकनीकों और अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी में मदद करता है।

ISS के अंदर एक पूरा सिस्टम है, रहने के केबिन, लैब, किचन, जिम और संचार केंद्र। यहां खाना पाउच में होता है और पानी को पुनः उपयोग करने के लिए ट्रीट किया जाता है। हर चीज का इस्तेमाल सोच-समझकर किया जाता है क्योंकि बाहर कोई सुपरमार्केट नहीं है।

अंतरिक्ष में जिंदगी कैसी है?

अंतरिक्ष यात्री हर समय microgravity में होते हैं, यानी उनका शरीर हर वक्त तैरता है। नींद के समय खुद को बैग से बांधना पड़ता है। दिनचर्या में वैज्ञानिक प्रयोग, शरीर की फिटनेस और धरती से संवाद शामिल है। मजे की बात – यहां कोई नहाता नहीं, बल्कि वाइप्स से सफाई होती है।

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क्यों खास है ISS?

यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं का परीक्षण स्थल है। चंद्रमा, मंगल जैसे मिशनों के लिए जो तैयारियां जरूरी हैं, उनका अभ्यास यहीं होता है। यह मानवता को ब्रह्मांड के और करीब लाने वाला पड़ाव है।

ISS सिर्फ विज्ञान की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि नहीं, बल्कि यह बताता है कि जब दुनिया मिलकर काम करती है, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। एक ऐसी जगह, जहां धरती की सीमाएं खत्म हो जाती हैं और इंसान सिर्फ इंसान बनकर सितारों से बातें करता है।

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