रांची, 20 जुलाई। Instagram Reels Viral : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर सियासी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला उनके बेटे कृष अंसारी से जुड़ा है, जिनका एक इंस्टाग्राम रील वायरल हो गया है। वीडियो में कृष अंसारी रांची के पारस अस्पताल का ‘निरीक्षण’ करते हुए, मरीजों से बातचीत करते और अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखते नजर आ रहे हैं। रील के वायरल होते ही प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
क्या है मामला?
वायरल वीडियो में कृष अंसारी के साथ एक बॉडीगार्ड और कुछ दोस्त भी नजर आ रहे हैं। वे अस्पताल में घूमते हुए मरीजों की समस्याएं सुनते दिखते हैं। इसके अलावा, एक अन्य दृश्य में कृष मंत्री आवास पर आम लोगों से मिलते और उनकी समस्याएं सुनते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो आते ही सवाल उठने लगे कि मंत्री का बेटा किस अधिकार से सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर रहा है?
विवाद के बाद पोस्ट हटाया गया
विवाद बढ़ता देख कृष अंसारी ने वह वीडियो इंस्टाग्राम से हटा लिया है, लेकिन तब तक यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो चुका था। विपक्ष ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी सफाई
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बेटे का बचाव करते हुए कहा, “कृष अपने एक शिक्षक की तबीयत खराब होने के कारण अस्पताल गया था। वहां कुछ आदिवासी मरीजों की मदद के उद्देश्य से वह रुका। इसमें कोई गलत बात नहीं है। यह सेवा भाव है, राजनीति नहीं।”
मंत्री ने आगे कहा कि विपक्ष खासकर बीजेपी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “अगर कोई भलाई का काम करता है, तो उसकी सराहना होनी चाहिए, आलोचना नहीं।”
बीजेपी ने किया सरकार पर हमला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि, “संवैधानिक पद पर बैठे मंत्री का बेटा किसी भी सरकारी संस्था का निरीक्षण नहीं कर सकता। यह नियमों का उल्लंघन है और सत्ता के दुरुपयोग का खुला मामला है।”
क्या कहता है नियम?
सरकारी संस्थानों का निरीक्षण, मूल्यांकन या जनसुनवाई (Instagram Reels Viral) जैसी प्रक्रिया केवल अधिकृत सरकारी अधिकारी या निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार क्षेत्र में आती है। बिना अधिकृत पद या आदेश के इस प्रकार की गतिविधि करना प्रशासनिक
आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।