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Sunday, October 19, 2025

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Industrial Sunrise of Dhamtari : जीजामगांव और श्यामतराई से जगमगाएगा, नया सवेरा अब धमतरी सिर्फ अन्नदाता नहीं, उद्यमदाता भी बनेगा

धमतरी, 17 अक्टूबर। Industrial Sunrise of Dhamtari : कभी सिर्फ अपनी हरियाली, जलस्रोतों और कृषि समृद्धि के लिए पहचाना जाने वाला धमतरी अब औद्योगिक क्रांति की नई पटकथा लिखने जा रहा है।राज्य शासन के दूरदर्शी दृष्टिकोण और जिला प्रशासन की सक्रियता के परिणामस्वरूप आज धमतरी को दो नए औद्योगिक पार्क – जीजामगांव और श्यामतराई – की ऐतिहासिक सौगात मिली है।

धमतरी : धमतरी का औद्योगिक सूर्योदय

उद्योगों की नई धरती, नए अवसरों की खेती

धमतरी की भौगोलिक स्थिति इसे एक स्वर्ण अवसरों वाला ज़िला बनाती है। राजधानी रायपुर और औद्योगिक नगर दुर्ग-भिलाई की नज़दीकी इसे निवेश के लिए प्राकृतिक पसंद बनाती है।अब जब जीजामगांव और श्यामतराई में उद्योगों के नए केंद्र आकार लेंगे,तो स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी उसी गति से बढ़ेंगे जैसे खेतों में फसलें उगती हैं।

धमतरी जिले में एक मेगा फुड पार्क था।  आज दो नये फुड पार्कों की सौगात मिली है। जीजामगांव और श्यामतराई। नये फुड पार्कों  के ऑनलाइन होने के बाद कोई भी अप्लाई कर सकते हैं। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि श्यामतराई औद्योगिक पार्क को हर्बल पार्क की तरह विकसित करने की योजना है।  वही जीजामागांव औद्योगिक पार्क भी अभनपुर से लगा होने की कारण काफी लोकप्रिय होगा और लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा कचना, छाती, गट्टासिल्ली, भालूझूलन, करेली बड़ी, ऐसी जगहों पर  औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे नये आयाम बनेगें और रोजगार के अवसर मिलेंगा। छाती का प्रस्ताव भारत सरकार को बनाकर भेजा गया है ।

धमतरी : धमतरी का औद्योगिक सूर्योदय

मेगा फूड पार्क – खेत से बाजार तक सीधी राह

धमतरी अब धान की नहीं, उद्योग की भी राजधानी बन रहा है। राज्य शासन द्वारा छाती और कचना में मेगा फूड पार्क की स्थापना की तैयारी चल रही है।यहाँ पर धान, दालें, सब्ज़ियाँ और फल आधुनिक तकनीक से प्रोसेस होकर सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचेंगे।यानी धमतरी के खेतों से उपजा स्वाद अब दुनिया के थालियों तक पहुंचेगा।

MSME क्लस्टर – छोटे उद्योग, बड़ा योगदान

जिले में पाँच इंडस्ट्री क्लस्टर बनाने की योजना है।
इन क्लस्टरों के माध्यम से छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को संगठित कर उन्हें नई पहचान दी जाएगी।यह न केवल स्थानीय उत्पादन को बढ़ाएगा, बल्कि  ‘’मेड इन धमतरी ” को एक नई पहचान देगा।

भविष्य का औद्योगिक मानचित्र तैयार

छाती क्षेत्र में भारत सरकार को भेजा गया बड़े मिल का प्रस्ताव,कचना, गट्टासिल्ली, करेली बड़ी, भालूझूलन जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक पार्कों का विकास ये सब मिलकर धमतरी को प्रदेश का अगला औद्योगिक हब बना देंगे।यह सिर्फ उद्योगों की बात नहीं, यह उस परिवर्तन की कहानी है जो रोज़गार, समृद्धि और आत्मनिर्भरता का रास्ता बनाता है।

 “धान से धन तक” की कहानी

धमतरी अब सिर्फ अन्नदाता नहीं रहेगा, बल्कि उद्यमदाता भी बनेगा।यह वह धरा है जो हरियाली से समृद्ध थी, अब औद्योगिकता से भी समृद्ध होगी।
यह बदलाव केवल फैक्ट्रियों के निर्माण का नहीं, बल्कि एक नये आत्मविश्वासी जिले के उदय का संकेत है ,धमतरी – जहाँ विकास बोया जाता है, और भविष्य फसल बनकर उगता है।

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