India-Pakistan Conflict
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात उस समय और तनावपूर्ण हो गए जब पाकिस्तान ने पहली बार नियंत्रण रेखा (LoC) के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भी गोलीबारी की। जम्मू के परगवाल सेक्टर में मंगलवार-बुधवार की रात को पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के फायरिंग की, जो अब तक की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक मानी जा रही है। इससे पहले पाकिस्तान लगातार छह दिन से एलओसी पर गोलीबारी कर रहा था, लेकिन अब उसने सीमा विस्तार करते हुए इंटरनेशनल बॉर्डर को भी निशाना बनाया है।
यह सब कुछ ऐसे समय में हुआ है जब 22-23 अप्रैल की रात को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर डाली जा रही है। इसके बाद से ही सीमा पार से शत्रुतापूर्ण गतिविधियों में अचानक तेजी देखी जा रही है। पाकिस्तानी सेना की ओर से हो रही यह गोलीबारी न केवल LoC के पुंछ, राजौरी, बारामुल्ला और कुपवाड़ा सेक्टरों में हो रही है, बल्कि अब जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र पर भी फैल गई है। परगवाल, अखनूर, सुंदरबनी और नौशेरा जैसे क्षेत्रों में भी गोलियां चलने की खबरें आई हैं।
India-Pakistan Conflict
रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान छोटे हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है और फिलहाल भारत ने आर्टिलरी गन और एयर डिफेंस गन का उपयोग नहीं किया है। फिर भी, भारतीय सेना ने पूरी स्थिति पर पैनी नजर रखी है और हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया है। बीएसएफ की अतिरिक्त टुकड़ियां परगवाल सेक्टर में तैनात की गई हैं और सभी सीमाओं पर ऑपरेशनल अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
भारतीय सेना ने संघर्ष विराम उल्लंघन में शामिल लगभग 20 पाकिस्तानी चौकियों के वीडियो और तस्वीरें एकत्रित की हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) को इस स्थिति की पूरी जानकारी दी है। सेना के जवान एलओसी पर चौकसी बढ़ा रहे हैं और दुश्मन की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
India-Pakistan Conflict
दूसरी ओर, अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां में आतंकी ठिकानों पर भी सुरक्षाबलों का व्यापक अभियान जारी है। पहाड़ी इलाकों को घेराबंदी कर खाली कराया जा रहा है और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध घरों की तलाशी लें और आतंकियों के नेटवर्क से जुड़ी जानकारियां जुटाएं।
इन घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की प्रतिक्रिया कब, कैसे और किस रूप में होगी। इसका निर्णय अब पूरी तरह से सशस्त्र बलों पर छोड़ा गया है। उन्हें पूरी तरह से “ऑपरेशनल फ्रीडम” दी गई है ताकि वे समय और परिस्थिति के अनुसार कार्रवाई कर सकें।
यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की नीति जारी है और भारत अब उसकी हर हरकत का ठोस जवाब देने के लिए तैयार है।