India Nepal border
उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध अतिक्रमण और विदेशी नागरिकों की अवैध मौजूदगी पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर शिकंजा कसा है, बल्कि अवैध धार्मिक संस्थानों, मदरसों और निर्माणों पर भी बुलडोजर चलवा दिया है। योगी सरकार की यह मुहिम अब ताबड़तोड़ कार्रवाई के रूप में सामने आ रही है, जिससे सीमावर्ती जिलों में हलचल मची हुई है।
मिली जानकारी के मुताबिक श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, पीलीभीत और महाराजगंज जैसे नेपाल सीमा से लगे जिलों में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार का कहना है कि इन क्षेत्रों में न केवल अवैध मदरसे और धार्मिक स्थल तेजी से पनप रहे हैं, बल्कि कई विदेशी नागरिक भी बिना वैध दस्तावेजों के बसे हुए हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं। इस वजह से सीमाएं सील कर दी गई हैं और सुरक्षा बलों को सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।
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वहीं बलरामपुर जिले में प्रशासन ने 20 मदरसों को चिन्हित किया है, जबकि बहराइच में 143 अतिक्रमणों को हटाया गया और 6 मदरसों को सील किया गया है। सिद्धार्थनगर में एक अवैध धार्मिक स्थल को ध्वस्त किया गया और 17 मदरसों पर कार्रवाई हुई। श्रावस्ती जिले में 53 मदरसे सील किए गए, 151 मदरसों को नोटिस देकर बेदखली की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पीलीभीत में 7 अवैध मदरसे और 77 अवैध धार्मिक स्थलों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है।
बता दें कि सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान को “अतिक्रमण हटाओ” अभियान नाम दिया गया है, जिसमें एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमें तेजी से काम कर रही हैं। अवैध निर्माणों पर सीधे बुलडोजर चलाए जा रहे हैं और अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को हिरासत में लेकर उनकी नागरिकता की जांच की जा रही है।
इस कड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार अब अवैध कब्जों और घुसपैठ के खिलाफ बिल्कुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं है। सरकार का कहना है कि ये कदम प्रदेश की सीमाओं को सुरक्षित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।