India-China Disengagement
भारत और चीन दोनों ही देशों की सेनाएं आज यानि 30 अक्टूबर को देपसांग और डेमचोक के पूरे एरिया का मुआयना की प्रकिया पूरा करेंगे। जिसके बाद पेट्रोलिंग की प्रक्रिया दोनों तरफ़ से शुरू की जाएगी।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर के देपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे की तरफ से वहां जगह खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने के लिए वेरिफिकेशन कर रही हैं।जिसके बाद से दोनों देशों के तरफ से मिलकर पेट्रोलिंग की जाएगी।
पेट्रोलिंग टीम की ताकत उनको सौंपे गए कार्य के साथ-साथ तय की जाने वाली दूरी पर निर्भर करेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छोटी दूरी के पेट्रोलिंग टीम में 10-15 सैनिक होंगे, तो वहीं लंबी दूरी के पेट्रोलिंग टीम में 20-25 सैनिक होते हैं।
India-China Disengagement
जानिए अब क्या हो सकता है
- डेमचोक-देपसांग में डिसएंगेजमेंट में दो दिन लगेंगे। सभी पीएलए ऑब्सट्रक्शन हटने के बाद ऑन स्पॉट चेकिंग होगी।
- इसके बाद भारतीय सैनिकों को अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट पर बिनारोक के पहुंच मिलेगी। जबकि चरवाहे भी अपने जानवरों को चरा सकेंगे।
- अरुणाचल में यांग्त्से, असफिला और सुबानसिरी नदी घाटी जैसे अन्य संवेदनशील इलाकों पर बातचीत के जरिये स्थिति को सामान्य किया जाएगा।
- दोनों देशों के सैन्य अधिकारी गलवान में बने बफर जोन में पेट्रोलिंग अधिकार बहाल करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
- हालांकि, अप्रैल-मई 2020 में चीनी अतिक्रमण के बाद अभी तक सीमा पर स्थिति पूरी तरह से पहले जैसे नहीं हुई है।
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