IAF Fighter JET
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा 27 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद घाटी में तनाव गहरा गया है। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए घाटी में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया है और पिछले तीन दिनों में 10 आतंकियों के घरों को विस्फोट से उड़ा दिया है। इसी दौरान कुपवाड़ा में एक सोशल एक्टिविस्ट गुलाम रसूल मगरे की भी हत्या कर दी गई।
वहीं भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कई पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के सोशल मीडिया पेजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी हालात तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान की ओर से टूटमारी गली और रामपुर सेक्टर में फायरिंग की गई, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
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इसी बीच, भारत ने समुद्री मोर्चे पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए 27 अप्रैल 2025 को अरब सागर में ब्रह्मोस लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर बेहद सटीक निशाना साधा, जो नौसेना की लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता को साबित करता है।
ब्रह्मोस मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:
- सुपरसोनिक गति: 2.8 से 3.0 मैक
- मारक क्षमता: 800–900 किलोमीटर
- समुद्री और जमीनी ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम
- कम ऊंचाई पर उड़ान, रडार से बचाव की क्षमता
- सैल्वो फायरिंग क्षमता: 2-2.5 सेकंड के अंतराल में कई मिसाइलें दागने में सक्षम
यह परीक्षण भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का भी हिस्सा है, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल का सीकर और बूस्टर अब स्वदेशी रूप से डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे हैं।
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पाकिस्तान में इस परीक्षण से बेचैनी फैल गई है। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे भारत का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह परीक्षण न केवल पाकिस्तान को, बल्कि क्षेत्र के अन्य संभावित खतरों को भी एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग और तैयार है।
भारतीय नौसेना ने कहा है कि वह किसी भी परिस्थिति में देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार है। ब्रह्मोस मिसाइल से लैस युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ भारत ने समुद्री युद्ध क्षमता में बड़ी बढ़त हासिल कर ली है।