Hudson River Helicopter Crash
न्यूयॉर्क। अमेरिका के सबसे व्यस्त और खूबसूरत शहर न्यूयॉर्क की रफ्तार उस वक्त थम गई, जब हडसन नदी की लहरों ने एक पूरे परिवार को अपनी आगोश में ले लिया। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को एक टूरिस्ट हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट समेत कुल 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में स्पेन से आया एक परिवार शामिल है, जिसमें तीन मासूम बच्चे भी थे।
घटनास्थल लोअर मैनहट्टन और जर्सी सिटी के बीच का इलाका था, जहाँ यह हेलिकॉप्टर हडसन नदी के ऊपर से गुजर रहा था। यह एक बेल-206 टाइप का टूरिस्ट हेलिकॉप्टर था, जिसे न्यूयॉर्क हेलिकॉप्टर्स कंपनी संचालित कर रही थी। जैसे ही हेलिकॉप्टर वेस्ट साइड हाईवे और स्प्रिंग स्ट्रीट के पास पहुंचा, वह अचानक असंतुलित हो गया और तेज़ गड़गड़ाहट के साथ नदी में गिर गया।
Hudson River Helicopter Crash
वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हेलिकॉप्टर पहले हवा में अजीब ढंग से हिलने-डुलने लगा, फिर उसके रोटर ब्लेड टूटकर अलग हो गए और वह सीधा नदी में गिरा। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि धुएं और चिंगारियों के साथ वह हेलिकॉप्टर नदी में समा गया।
इस भयावह हादसे में मारे गए लोग थे
- ऑगस्टिन एस्कोबार, स्पेन की जानी-मानी कंपनी “सीमेंस” में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी
- उनकी पत्नी मर्से कैमप्रुबी मोंटल
- और उनके तीन बच्चे – जिनकी उम्र क्रमश: 4, 5 और 11 साल थी
- पायलट की उम्र लगभग 36 वर्ष थी, और उसने आखिरी वक्त तक हेलिकॉप्टर को नियंत्रण में लाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सका।
शहर में मातम
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने कहा, “एक पूरा परिवार जो हमारे शहर को देखने आया था, अब इस धरती पर नहीं रहा। यह हम सबके लिए बहुत बड़ी त्रासदी है।” सोशल मीडिया पर इस हादसे का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हेलिकॉप्टर को नदी में डूबते देखा जा सकता है।
Hudson River Helicopter Crash
जांच शुरू
अभी तक इस क्रैश की असली वजह साफ नहीं हो पाई है। संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में मौसम को संभावित कारण माना जा रहा है, क्योंकि उस समय आसमान में बादल थे, हवा तेज थी, और हल्की बारिश की संभावना जताई गई थी।
एक सवाल
क्या टूरिस्ट हेलिकॉप्टर उड़ानों की सुरक्षा में चूक हो रही है? यह हादसा न्यूयॉर्क में हेलिकॉप्टर सुरक्षा को लेकर पहले से उठ रहे सवालों को और गंभीर बना देता है। पिछले कुछ वर्षों में भी ऐसी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और अब मांग उठ रही है कि इन पर कड़ी निगरानी और सख्त नियम लागू किए जाएं।