Holi Bhai Dooj 2025
रायपुर। 16 मार्च 2025 यानि की आज पूरे देश में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व भाईदूज हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इस बार भाईदूज विशेष बन गया है क्योंकि इस दिन अमृत योग, लक्ष्मी योग, और नारायण योग सहित कुल 7 शुभ योगों का महासंयोग बन रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह योग भाईदूज पर वर्षों बाद बना है, जिससे इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
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शुभ योगों का दुर्लभ संयोग:
- अमृत योग – अत्यंत शुभ, जिसमें किए गए कार्य सफल और फलदायी होते हैं।
- लक्ष्मी योग – धन-संपत्ति और समृद्धि का संकेतक।
- नारायण योग – जीवन में स्थायित्व, रक्षा और सुख-शांति प्रदान करने वाला।
- सर्वार्थ सिद्धि योग – सभी इच्छाओं की पूर्ति और कार्य सिद्धि का योग।
- रवि योग – अशुभता को दूर कर सफलता दिलाने वाला योग।
- शोभन योग – सौंदर्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य बढ़ाने वाला।
- आनंदादि योग – आनंद, उत्साह और संतोष का कारक।
इन शुभ योगों में बहनों द्वारा भाई को तिलक करने से भाई के जीवन में आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि की वृद्धि होती है।
Holi Bhai Dooj 2025
तिलक का शुभ मुहूर्त:
आज सुबह 10:45 से दोपहर 1:15 बजे तक तिलक का विशेष शुभ समय रहेगा। इस मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों को तिलक कर उन्हें मिठाई खिलाएंगी और रक्षा का वचन लेंगी।
भाईदूज की पूजा विधि:
- सबसे पहले भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में बैठाएं।
- भाई के माथे पर चंदन, अक्षत (चावल), रोली से तिलक करें।
- भाई की कलाई पर कलावा (मौली) बांधें।
- आरती करें और भाई की लंबी उम्र की कामना करें।
- भाई को मिठाई खिलाएं और प्रेमपूर्वक भोजन कराएं।
- भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है।
धार्मिक पौराणिक महत्व:
धार्मिक मान्यता है कि भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के आमंत्रण पर उनके घर आए थे। यमुनाजी ने उन्हें तिलक कर भोजन कराया और उनकी लंबी उम्र की कामना की। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने वचन दिया कि इस दिन बहन के हाथों तिलक करने वाला भाई सदा स्वस्थ और दीर्घायु रहेगा। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
Holi Bhai Dooj 2025
पर्व की भावनात्मक झलक:
भाईदूज केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और दुआओं का उत्सव है। बहनें भाइयों के माथे पर तिलक कर उन्हें दुआ देती हैं, और भाई बहनों को उपहार देकर उनका मान-सम्मान बढ़ाते हैं। इस बार का भाईदूज शुभ योगों के चलते विशेष फलदायी माना जा रहा है।
भाईदूज पर इस दुर्लभ योगों का संयोग आने वाले समय में भाई-बहन के रिश्तों में खुशहाली और समृद्धि का नया अध्याय लिख सकता है। शुभ मुहूर्त में तिलक कर बहनें भाइयों के लिए आशीर्वादों की वर्षा करेंगी।
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