Hathras Stampede
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में मंगलवार 2 जुलाई को नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वही 50 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में चल रहा था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया है।
घायलों में कई की हालत गंभीर है, इसलिए मृतकों को संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वही हादसे के बाद नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा का सत्संग फरार हो गया है। भगदड़ उस समय हुई, जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने को टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की। लोग फिसले और जमीन पर गिरे। फिर, एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
Hathras Stampede
हाथरस घटना को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना का दोषी कोई हो, कठोर कार्रवाई होगी।
तो वही सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश हैं। वहीं, कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि मंगलवार को हाथरस के रतिभानपुर इलाके में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार से अधिक लोग शामिल होने के लिए पहुंचे थे, तभी पंडाल में भयानक उमस गर्मी की वजह से भगदड़ की स्थिति बन गई। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद और एटा के लोग पहुंचे थे।
Hathras Stampede
कौन है भोले बाबा
भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में है। उसने खुद की आर्मी बना रखी है। यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्ज हैं। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल रहते हुए यौन शोषण का आरोप लगा तो उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जेल भी गया। बाहर आया तो नाम और पहचान बदल ली।
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाता था। पढ़ाई के बाद यूपी पुलिस में नौकरी लग गई। यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही।
यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले सूरज पाल इटावा में भी पोस्टेड रहा। नौकरी के दौरान यौन शोषण का मुकदमा लिखे जाने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया। और उपदेशक बन गया। लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। उसकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं।