Haryana Family Suicide
हरियाणा के पंचकूला से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। सोमवार देर रात एक कारोबारी परिवार के सात सदस्यों ने एक साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स इलाके की है, जहां प्रवीण मित्तल नामक व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ किराए के मकान में रह रहा था।
प्रवीण मित्तल, जो देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार चलाते थे, पिछले कुछ समय से गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। कारोबार में भारी नुकसान और कर्ज के बोझ ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि उन्होंने अपनी पत्नी रीना, पिता देशराज, मां विमला, जुड़वां बेटियों हिमशिखा और दलिशा (उम्र 11 वर्ष) तथा बेटे हार्दिक (उम्र 14 वर्ष) के साथ आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया।
Haryana Family Suicide
सोमवार को पूरा परिवार बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने गया था। कथा से लौटने के बाद सभी ने अपनी गाड़ी में बैठकर जहर खा लिया। देर रात जब पुलिस को सूचना मिली, तो वह मौके पर पहुंची। सभी को अस्पताल ले जाया गया, जहां एक व्यक्ति को जीवित पाया गया, लेकिन कुछ ही देर में डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को गाड़ी से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें प्रवीण मित्तल ने लिखा है – “मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं।” इस नोट में कुछ अन्य लोगों का भी उल्लेख है, जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।
Haryana Family Suicide
यह घटना केवल एक आर्थिक त्रासदी नहीं है, बल्कि एक गहरी सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी भी है। एक पूरा परिवार, जिसमें मासूम बच्चे भी शामिल थे, इस कदर हताश हो गया कि उसने जीवन ही छोड़ देने का निर्णय कर लिया। समाज, सरकार और सिस्टम – सबके लिए यह आत्ममंथन का विषय है कि आखिर एक परिवार को क्यों कोई मदद नहीं मिली, क्यों वे इतने अकेले पड़ गए कि सामूहिक आत्महत्या को आखिरी रास्ता समझ बैठे।
यह कहानी सिर्फ प्रवीण मित्तल की नहीं है, यह उन हजारों छोटे व्यापारियों और मध्यमवर्गीय परिवारों की भी है जो आर्थिक दबाव, कर्ज, और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच पिसते जा रहे हैं – और अंततः चुपचाप टूट जाते हैं।