Harsiddhi Mata mandir of Burhanpur
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला अपनी गंगा जमुनी संस्कृति के लिए जितना चर्चित है, उतना ही जिले की हरसिद्धी माता के मंदिर में लगने वाली भीड़ के लिए भी है। यहां के बोरगांव खुर्द में स्थित एक हर सिद्धी माता का दरबार किसी अस्पताल से कम नहीं, माता हरसिद्धी को यहां के लोग खुजलीवाली माता के नाम से जानते हैं।
यहां जो भी दुखियारा त्वचा रोग जैसे खुजली, फोड़े, फुंसी या दूसरी बड़ी से बड़ी बीमारियों से ग्रसित आता है वह ठीक होकर जाता है। श्रद्धाभाव के कारण लोग इस मंदिर को माता का दरबार कम और अस्पताल ज्यादा मानते हैं, जहां कोई भी रोगी आता है निरोगी होकर लौटता है।
Harsiddhi Mata mandir of Burhanpur
श्रृंगार और नारियल के साथ चढ़ता है नमक
गौरतलब है कि बुरहानपुर जिले का यह प्राचीन मंदिर जो अब तक पुलिस प्रशासन के कब्जे में था, इसे हाल ही में भैरव मंदिर के मठाधीश को सौंप दिया है, यहां के मठाधीश आत्म चैतन्य स्वामी का कहना है कि यहां जो भी बीमारी लेकर आता है निरोगी होकर जाता है यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जिसका इतिहास स्वयंभू है, यहां जो भी श्रद्धालु प्रसाद में श्रृंगार की टोकरी और नारियल के साथ नमक चढ़ाता है तो वह निरोगी हो जाता है
नवरात्रि में लगती है भीड़
इस बारे में श्रीशंकर चैतन्य स्वामी बताते हैं, ”यह स्वयंभू प्राचीन विग्रह है जिसे यहां श्रद्धा भक्ति से पूजने पर जिसे भी कोई बीमारी हो फोड़ा, फुंसी अथवा कोई खुजली हो तो वह खुजली से मुक्त हो जाता है और वह ठीक होने पर यहां नमक का प्रसाद और कुएं से स्नान कर गीले कपड़े से माता को भोग लगाता है तो ठीक हो जाता है, यहां चैत्र और शारदिय नवरात्र में भक्तों का तांता लग जाता है।
मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना
यहां का मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना है। जैसा की हर देवी दर्शन के बाद भैरव दर्शन की परंपरा है। यहां भी कहा जाता है कि जब माता के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन नहीं किए जाते तो वह दर्शन और यात्रा अधूरी मानी जाती है। इसलिए जो भी भक्त माता के दर्शन कर आता है वह इस भैरव मंदिर पर पहुंचता है।