Govt bans 156 medicines
भारत सरकार ने लोगों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन दवाओं में एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक्स, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने यह फैसला औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (DTAB) और केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद लिया है। दवाओं पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू है।
21 अगस्त को अधिसूचना जारी करते हुए सरकार ने बताया कि अमाइलेस, प्रोटीएज, ग्लूकोअमाइलेस, पेक्टिनेस, अल्फा गैलेक्टोसिडेस, लैक्टेस, बीटा-ग्लुकोनेज, सेल्युलाज, लिपेस, ब्रोमेलैन, ज़ायलानास, हेमीसेल्युलास, माल्ट डायस्टेस, इनवर्टेस, पापेन जैसे घटकों से बनी दवा कंपोजिशनों के उपयोग से लोगों की जान तक जा सकती है। जबकि मार्केट में इन दवाओं के सुरक्षित विकल्प भी उपलब्ध हैं।
Govt bans 156 medicines
तत्काल प्रभाव से लगाया गया बैन
केंद्र सरकार ने जनहित में इन दवाओं के निर्माण, बिक्री, और वितरण पर पूरे देश में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने यह फैसला ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के बाद लिया। इसकी जांच केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने की। जिसमें कंपोजिशन दवा के प्रशासन को “अतार्किक” माना गया। सरकार ने इन दवाओं के दावों को सही नहीं पाया और यह फैसला लिया कि इनके उपयोग से मरीजो को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26ए के तहत इस दवाओं के निर्माण, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया था।
बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाले दवाएं भी बैन
इसके साथ ही सरकार बच्चों के दवाओं पर भी बैन लगाए हैं, उनमें बच्चो के उपचार वाली दवाएं, एंटीपैरासिटिक, स्किनकेयर, और एंटी-एलर्जिक जैसी दवाएं भी शामिल हैं। भारतीय फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) ने केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है।