GARIABAND CHHATTISGARH
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में सिस्टम के नजर अंदाजगी की एक तस्वीर सामने आई है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, प्रदेश के गरियाबंद जिले के अमलीपदर सूखा तेल नदी पर 40 गांव के लोगों की सहूलियत के लिए 2022 में 7 करोड़ की लागत से उच्चस्तरीय पुल निर्माण की शुरुवात की गई थी।
पीडीडब्ल्यूडी के देखरेख में काम शुरू तो हुआ पर दो साल के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया। अब बारिश के दिनों में स्कूली बच्चो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छाया चित्र में आप देख सकते है कैसे बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने जा रहे। वहीं आवाजाही करने वाले हर ग्रामीणों को यह खतरा मोल लेना पड़ रहा है।
GARIABAND CHHATTISGARH
सूत्रों के मुताबिक अमलीपदर को नेशनल हाइवे 130 से जोड़ने वाले इस रपटे पर अब आवाजाही करना किसी दुर्घटना को न्यौता देने जैसा बन गया है। नदी पार कर जाना ग्रामीणों की मजबूरी बना गयी है। फिर चाहे शिक्षकों को स्कूल जाना हो या हायर सेकेंडरी के बच्चों को स्कूल आना हो, वे जोखिम उठाकर नदी पार कर आवाजाही कर रहे हैं।
वही यहां आए दिन हादसे भी हो रहे, जिसमे कुछ लोगों की जान भी गई। पुल के अभाव में इलाके का कारोबार ठप हो गया है। लगातार मिल रहे आश्वासन के बाद भी सुविधा के लिए तरस रहे ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया है।