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PM मोदी पर टिप्पणी के बाद मालदीव पर्यटन का बूरा हाल! मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने भारत पहुंच कर मांगी माफी

Former President of Maldives Mohammed Nasheed reached India

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने के बाद मालदीव पर्यटन का हाल काफी खराब है, इसी बीच मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत पहुंचे है, दिल्ली पहुंचते ही राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मालदीव के लोगों की तरफ से माफी की पेशकश की है.

PM मोदी पर टिप्पणी के बाद मालदीव पर्यटन का बूरा हाल, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने मांगी माफी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद नशीद ने कहा, भारत और मालदीव के बीच आए तनाव ने मालदीव पर बहुत प्रभाव डाला है और मैं वास्तव में इसे लेकर बहुत चिंतित हूं. मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को खेद है, हमें खेद है कि ऐसा हुआ है. हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं. हमारी मेहमान-नबाजी में कोई बदलाव नहीं होगा.

मोहम्मद नशीद ने भारत के जिम्मेदार दृष्टिकोण की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने दबाव डालने के बजाय एक राजनयिक चर्चा का प्रस्ताव रखा, उन्होंने कहा, जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैन्यकर्मी चले जाएं, तो आप जानते हैं कि भारत ने क्या किया? उन्होंने अपनी बांहें नहीं मोड़ी, उन्होंने कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि मालदीव की सरकार से कहा- ठीक है, चलो इस पर चर्चा करें.

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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस दौरान मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौते पर भी बात की, उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह एक रक्षा समझौता है. मुझे लगता है कि मुइज्जू (मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति) कुछ उपकरण खरीदना चाहता थे, मुख्य रूप से रबर की गोलियां और आंसू गैस, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सोचा कि अधिक आंसू गैस और अधिक रबर की गोलियों की आवश्यकता है. सरकार बंदूक से नहीं चलती.

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बता दे कि कुछ महीने पहले मालदीव के मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, वही पिछले साल मालदीव का राष्ट्रपति बनते ही मोहम्मद मुइज्ज ने घोषणा की थी कि वह उस समझौते का विस्तार नहीं करेगा जिसने भारत को मालदीव के साथ मिलकर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी. उसने भारत सरकार से भारतीय सेना को वापस बुलाने को कहा. राष्ट्रपति मुइज्जू ने स्थापित परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के लिए तुर्की और चीन को चुना, जबकि पहले मालदीव का नया राष्ट्रपति सबसे पहले भारत का दौरा करता था.

 

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