Flood in Uttar Pradesh
उत्तरप्रदेश के 17 जिलों में बाढ़ के कारण 97 गांवों से संपर्क टूट गया है। करीब 97 गांवों का संपर्क टूट चुका है और 20 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बरसात में गंगा, सरयू, राप्ती समेत कई नदियां उफान पर हैं। गोरखपुर में राप्ती के आसपास के 25 से अधिक गांव पानी में डूब चुके हैं।
नदी के किनारे बसा बहरामपुर का इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां घरों में पानी भर चुका है। कॉलोनियों के सड़को पर नाव चल रही है। वही प्रदेश के 20 जिलों के करीब 900 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिसके कारण कई गांवों का सम्पर्क टूट गए हैं। वही बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
Flood in Uttar Pradesh
लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थ नगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया और उन्नाव। तो वही नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है। गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने से यहां सड़कों पर नावें चल रही हैं और मकानों की एक मंजिल पानी में डूब चुकी है।
हारदोई में भी भारी बारिश के कारण लोगों के घरों में पानी घुटनों तक भर गया है। NDRF, SDRF और PAC की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में प्राकृतिक आपदा से पांच लोगों की जान भी गई।
Flood in Uttar Pradesh
ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर
शाहजहांपुर में रामगंगा, गर्रा और खनौत, बलिया में घाघरा, सिद्धार्थ नगर और गोरखपुर में राप्ती, सिद्धार्थ नगर में बूढ़ी राप्ती और कुन्हरा, महाराजगंज में रोहित और गोंडा में क्वानो, सीतापुर में गोमती नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं लखीमपुर खीरी में शारदा, अयोध्या और बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान के करीब हैं।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से उन्नाव के भी कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्राकृतिक आपदा में पांच लोगों की जान चली गई। रायबरेली, सिद्धार्थनगर और बांदा में डूबने से चार लोगों की मृत्यु हो गई। वहीं बांदा में सांप के काटने से एक की जान चली गई।