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Fake Medical Certificate : फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी…11 शिक्षकों सहित 27 कर्मचारी होंगे बर्खास्त

Fake Medical Certificate: Job based on fake medical certificate...27 employees including 11 teachers will be dismissed

Fake Medical Certificate

मुंगेली, 14 जुलाई। Fake Medical Certificate : फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 27 ऐसे लोगों को खुलासा हुआ है जो बहरापन का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल कर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में मजे से नौकरी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के भरोसे व्याख्याता बन बैठे हैं।

जांच व बर्खास्तगी प्रक्रिया

विभागों के अनुसार संख्या

शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा—लगभग 11 व्याख्याता/शिक्षक।

कृषि विभाग में लगभग 12 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं सहायक।

इसके अतिरिक्त योजना व सांख्यिकी, उद्यान, पंचायत एवं ग्रामीण विकास आदि विभागों में कुल 4 और कर्मचारी शामिल हैं।

हाईकोर्ट में याचिकाएँ

कुछ संदिग्धों ने मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी घोषित किये जाने के बाद रायपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कलेक्टर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कुछ कर्मचारियों ने मेडिकल जांच में उपस्थिति नहीं दी है। अभी तक सिर्फ कुछ के रिपोर्ट फर्जी पाए गए हैं और बाकी का मामला कोर्ट स्टे में अटका हुआ है।

पृष्ठभूमि और विस्तृत संदर्भ

छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने पहले से ही कई उच्चाधिकारियों पर फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगाया था—जिसमें 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखाधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 3 पशुचिकित्सक सहित कुल 21 नाम शामिल हैं। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि लगभग 300 से अधिक लोगों ने पिछले 10 वर्षों में लोरमी सहित आसपास के 6‑7 गांवों से श्रवण दिव्यांग प्रमाणपत्र प्राप्त किए, जिनमें से लगभग 147 सरकारी नौकरी में लगे हुए थे। कई व्यक्तियों को राज्य मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के लिए बुलाया गया, लेकिन 48 से ज़्यादा में से कई जांचों में नहीं पहुंचे,नतीजतन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

आगे की कार्रवाई क्या है?
कदम स्थिति
मेडिकल परीक्षण राज्य मेडिकल बोर्ड द्वारा उपस्थित कर्मचारियों की फिजिकल जाँच जारी है, लेकिन कोर्ट स्टे के कारण कुछ रुके हैं
बर्खास्तगी प्रक्रिया 27 नामित कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी का औपचारिक आदेश जारी हुआ है
न्यायिक प्रक्रिया कुछ लोगों ने कोर्ट में राहत हेतु याचिका दाखिल की है, जिनके विरुद्ध कलेक्टर ने जांच शुरू करने का पत्र भेजा है

मुंगेली जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से सरकारी नौकरी पाने के 27 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें सबसे अधिक शिक्षा और कृषि विभाग से संबंधित हैं। इसपर कलेक्टर का सख़्त रुख रहा है, बर्खास्तगी प्रक्रिया आरंभ और मेडिकल जांचों का आदेश दिया गया है। हालांकि, कोर्ट स्टे और अनुपस्थिति के कारण प्रक्रिया में कुछ अड़चनें भी हैं।

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