रायगढ़. देवेंद्र प्रताप सिंह को भाजपा ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है, इसके साथ ही 14 राज्यसभा सीटों के लिए भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, बता दे कि देवेंद्र प्रताप सिंह राजपरिवार से आते है वे विश्व विख्यात संगीत सम्राट रायगढ़ नरेश स्वर्गीय चक्रधर सिंह के परपोते है, देवेंद्र प्रताप सिंह 2005-06 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री 2008 में प्रदेश भाजपा कार्यकारणी सदस्य थे, 2011-12 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के रायगढ़ जिलाध्यक्ष और 2011 में ही अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रह चुके है.

27 फरवरी को होगा चुनाव
चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है, छत्तीसगढ़ के साथ ही 15 राज्यों के लिए चुनाव 27 फरवरी को होगा. इसके लिए सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा, नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. संगठन सूत्रों की माने तो राज्यसभा में देवेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे संघ का हाथ है क्योंकि देवेंद्र संघ के पसंदीदा रहे हैं. लैलूंगा के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय ढंग से आदिवासियों के बीच संघ के कार्यक्रमों पर काम करते रहे हैं.
बता दे कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का कार्यकाल अप्रैल में खत्म होने वाला है, सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद थीं, तब 49 विधायकों वाली भाजपा की प्रत्याशी सरोज पांडेय को 51 वोट मिले थे, राज्य के इतिहास में यह पहला मौका था, जब राज्यसभा के लिए मतदान किया गया, पिछली बार कांग्रेस ने लेखराम साहू को उतरा, लेकिन उनको पार्टी के ही पूरे वोट नहीं मिले थे.
देवेंद्र प्रताप सिंह की शिक्षा
वर्तमान में रायगढ़ के लैलूंगा क्षेत्र से जिलापंचायत सदस्य है, जनजाति गौरव समाज बिलासपुर समाज के भी अध्यक्ष है, रेल मंत्रालय में वह हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य है, उनका अध्ययन राजकुमार कॉलेज रायपुर एवं सेंट स्टीफन्स कॉलेज दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में पीजी किया है. वर्तमान में वह रुड़केला लैलूंगा में निवासरत है, देवेंद्र प्रताप सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं धर्म जागरण मंच के विभिन्न दायित्व का निर्वहन किया है. वह रायगढ़ में आयोजित होने वाले चक्रधर समारोह की आयोजन समिति के सदस्य भी है.
पहले कांग्रेस में थे देवेंद्र प्रताप सिंह
सन 1990 तक लैलूंगा विधानसभा की सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती थी, देवेंद्र प्रताप सिंह के पिता स्वर्गीय सुरेंद्र कुमार सिंह ने बतौर विधायक दो दशक से भी अधिक समय तक लैलूंगा में कब्जा जमाए रखा, सुरेंद्र सिंह कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते थे. शुरुआती दिनों में देवेंद्र का झुकाव भी कांग्रेस की ओर रहा मगर बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए थे और संघ से भी जुड़े रहे.