EMERGENCY IN INDIA
रायपुर। 26 जून 1975 की आधी रात, देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर आपातकाल के आदेश पर दस्तखत किए और सुबह होते ही रेडियो पर इसकी घोषणा कर दी गई। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है।
आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में बीजेपी 26 जून को “काला दिवस” के रूप में मना रही है।
भिलाई में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे, दुर्ग में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और जांजगीर में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की। सभी नेताओं ने एक स्वर में कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।
EMERGENCY IN INDIA
सरोज पांडे ने कहा, “आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की। विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया, आवाज उठाने वालों को कुचला गया।”
तोखन साहू बोले, “कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई हक नहीं है। पूरे देश ने देखा है कि किसने संविधान को बंधक बनाया।”
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने “इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया” के नारे के साथ लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि आपातकाल के विरोध में देशभर से 1.4 लाख मीसा बंदियों को जेल भेजा गया था।
बीजेपी विधायक रेणुका सिंह ने कहा, “मीडिया पर पाबंदियां और जनता की आज़ादी पर रोक लगाकर कांग्रेस ने लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया।”
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बीजेपी का कहना है कि वह युवाओं को बताएगी कि कैसे कांग्रेस ने 1975 में संविधान, मीडिया और न्यायपालिका को अपने अधीन कर देश को अंधकार में धकेला।
कल 26 जून को पूरे छत्तीसगढ़ में रैलियां, संगोष्ठियाँ और जनसंपर्क अभियान चलाकर आपातकाल के विरोध में जनजागरण किया जाएगा।