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Elon Musk Spacex Starship Mission : एलन मस्क को बड़ा झटका, SpaceX का Starship रॉकेट फिर फेल, लगातार तीसरी बार उड़ान में नाकामी

Elon Musk Spacex Starship Mission

एलन मस्क की अंतरिक्ष एजेंसी स्पेसएक्स को एक और बड़ा झटका लगा है। कंपनी की बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी परियोजना, स्टारशिप मेगा रॉकेट की नौवीं परीक्षण उड़ान एक बार फिर असफल हो गई। यह वही स्टारशिप है जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सबसे बड़ा लॉन्च व्हीकल माना जाता है, जिसे भविष्य में चंद्रमा, मंगल और उससे भी आगे के मिशनों के लिए इस्तेमाल किया जाना है।

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28 मई को भारतीय समय के अनुसार सुबह 5 बजे अमेरिका के टेक्सास स्थित बोका चिका से इसे लॉन्च किया गया था। शुरुआत में उड़ान सफल प्रतीत हो रही थी, लेकिन लगभग 30 मिनट बाद रॉकेट ने नियंत्रण खो दिया और पृथ्वी के वातावरण में दोबारा प्रवेश करते समय हिंद महासागर के ऊपर ही टूटकर बिखर गया। स्पेसएक्स ने पुष्टि की है कि यह “तेज और अनिर्धारित विघटन” था।

Elon Musk Spacex Starship Mission

इस परीक्षण को ‘स्टारशिप फ्लाइट 9’ नाम दिया गया था, जिसमें सुपर हेवी बूस्टर और शिप 35 का इस्तेमाल किया गया था। सुपर हेवी बूस्टर की यह दूसरी उड़ान थी। इससे पहले की उड़ानों में तकनीकी खामियों के चलते मिशन फेल हो चुके थे।

स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में कहा कि हालांकि यह परीक्षण असफल रहा, लेकिन इससे उन्हें रॉकेट की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण डेटा मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के परीक्षणों की असली सफलता इस बात में होती है कि हम इससे क्या सीखते हैं।

यह लगातार तीसरी बार है जब स्टारशिप रॉकेट उड़ान के दौरान नष्ट हुआ है। इससे पहले जनवरी 2025 में हुई सातवीं उड़ान में शिप 33 एक प्रोपेलेंट लीक के कारण हवा में फट गया था। इसके मलबे ने कैरेबियन के तुर्क और कैकोस द्वीपों में नुकसान भी पहुंचाया था। मार्च 2025 में हुई आठवीं उड़ान में रॉकेट के छह में से चार इंजन समय से पहले बंद हो गए थे, जिससे वह अनियंत्रित होकर टूट गया था।

Elon Musk Spacex Starship Mission

स्टारशिप रॉकेट को पूरी तरह से रीयूजेबल बनाया गया है और यह 403 फीट लंबा है। इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हैं जो 1.6 करोड़ पाउंड थ्रस्ट उत्पन्न कर सकते हैं। इसकी ताकत नासा के पुराने सैटर्न V रॉकेट से भी दोगुनी है।

भले ही यह उड़ान सफल नहीं रही, लेकिन स्पेसएक्स का मानना है कि यह परीक्षण उन्हें भविष्य के लिए बेहतर तैयार करेगा और उनकी बहुग्रहीय जीवन की कल्पना को साकार करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगा।

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