Elephant terror in Mainpat
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ सरगुजा जिले के अंबिकापुर (Ambikapur) में इन दिनों हाथियों का खौफ बना हुआ है। बताया जा रहा है कि परिक्षेत्र मैनपाट में इन दिनों जशपुर (Jashpur) की ओर से दो जंगली हाथी पहुंचे है। जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है। शाम होते ही ये जंगली हाथी आबादी क्षेत्र की ओर रुख करने लगे हैं जिसके कारण वन विभाग ने ग्रामीणों को घर से नहीं निकलने के लिए कहा है।
प्रभावित क्षेत्र में मुनादी कराने के साथ हाथियों को नहीं छेड़ने की अपील की जा रही है। सरगुजा जिले के मैनपाट से लगे जशपुर व रायगढ़ जिले की सीमा पर स्थित बड़ा वन क्षेत्र जंगली हाथियों का सुरक्षित रहवास बना हुआ है। हाथी अक्सर इस इलाके में रहते हैं। दो हाथी कई दिन से मैनपाट के आबादी क्षेत्र के आसपास विचरण कर रहे हैं। शुक्रवार को दिन भर हाथी असकरा पंचायत से लगे जंगल में विचरण कर रहे थे।
शुक्रवार को दिन भर ग्राम मुसाखोल से लगे जंगल में विचरण ने के बाद रात को लगभग 9 बजे असकरा मार्ग से होकर ये हाथी आबादी क्षेत्र में आ गए। इसके बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोगों ने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारीयों को दी, जिसके बाद वन विभाग का हाथी नियंत्रण दस्ता मौके पर पहुंचा और हाथियों को किसी तरह से रिहायशी इलाके से बाहर निकाला गया।
Elephant terror in Mainpat
वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार हाथियों के मुख्य मार्ग पर आ जाने से निगरानी में जुटे वन और पुलिस विभाग ने लोगों को सतर्क करते हुए उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी। रात को लगभग दस से 12 बजे तक हाथी ग्राम पंचायत असकरा और मलतीपुर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर पहुंच गए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जयपुर से मैनपाट की ओर आए जंगली हाथियों ने कई घरों को तोड़कर तहस-नस कर दिया था जिसके बाद से ही वनविभाग का हाथी नियंत्रण दस्ता पूरे क्षेत्र में गहन सर्चिंग में लगा हुआ है। जंगली हाथियों को जंगलों की ओर खदेड़ने के लिए टीम रात भर सर्च अभियान करते रहते है लेकिन इसके बावजूद जंगली हाथियों का रुख घनी आबादी क्षेत्र की ओर होने से अब वनविभाग के कार्यों पर भी सवाल उठने लगा है।