रायपुर. इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस ने सभी संभागों में प्रेस वार्ता कर भाजपा पर आरोप लगाया है, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है भाजपा इसे छुपाना चाहती थी, कोर्ट ने भाजपा की पोल खोलकर रख दी है.

कांग्रेस पार्टी ने मांग की कि चुनावी चंदा घोटाले के लिए भाजपा की मान्यता रद्द की जाए, भाजपा ने केंद्र में रहते हुए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर वसूली की, इलेक्टोरल बॉन्ड मोदी सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया, व्यावसायिक संस्थाओं को केंद्रीय एजेंसियों के डरा कर पैसा वसूला.
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2019 के बाद भाजपा को 6000 करोड़ से अधिक का दान मिला है, कई कंपनियां है जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड दान किया है, इसके बदले में कंपनियों ने भारी लाभ भी प्राप्त किया है, इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से हफ्ता वसूली की, मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा है, दीपक बैज ने सुप्रीम कोर्ट से मांग कि पीएम केयर फंड का भी हिसाब भाजपा से मांगा जाए.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस की 5 संभागो में प्रेसवार्ता पर बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा सीधा गणित है, दो नंबर का काला धन है राजनीतिक पार्टियों को चंदा के लिए दिया जाता है, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं रहता था, भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्टोरल बॉन्ड बंद कर इसे इसलिए लाया ताकि काले धन का दुरुपयोग रुक जाए, यह साफ हो चुका है, इसमें भारतीय जनता पार्टी को 6 हजार करोड़ मिले, जबकि 14 हजार करोड़ कांग्रेस के सारे विपक्ष को मिले.
केदार गुप्ता ने कहा कांग्रेस बताए कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है, भाजपा के पास 303 सांसद उसको सिर्फ 6 हजार करोड़ मिलते हैं, कांग्रेस पास 40 सांसद हैं उनको 14 हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड मिलते हैं, इतनी सफाई के साथ कभी किसी ने राजनीतिक चंदे का हिसाब रखा है, भारत देश की पहली घटना है जब इसका हिसाब सामने आ रहा है, 14 हजार करोड़ कहां चले गए, किस आधार पर लिया?