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Wednesday, October 15, 2025

Leader of Maoist : हाथ में बंदूक-चेहरे पर शांति और आत्मसमर्पण का ऐतिहासिक क्षण…! माओवादी भूपति ने मुस्कराते हुए डाले हथियार…यहां देखें Video

गडचिरोली/विशेष संवाददाता, 15 अक्टूबर। Leader of Maoist : वो क्षण असाधारण था जब हाथों में हथियार थामे, लेकिन चेहरे पर गहरी शांति और संतुलित...

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Electoral Bond Case : चुनाव आयोग ने Website पर जारी किया इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा, चुनावी चंदा देने वालों की 763 पेज की लिस्ट में देखिये किनके नाम शामिल

Electoral Bond Case

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले इलेक्टोरल बॉन्ड की लिस्ट जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने उसे ये लिस्ट दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने इस सूची को अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम 5 बजे से पहले जानकारी अपलोड करने को कहा था। हालांकि, चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही यानि 14 मार्च को जानकारी की लिस्ट अपलोड कर दिया।

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चुनावी बॉन्ड का डेटा 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का है। राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर है, जिसने 1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे गए है। कंपनी ने ये बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 24 के बीच खरीदे है। कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत और आईपीसी के तहत कई मामले भी दर्ज हैं। इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों की जानकारी दी गयी है, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। इसके साथ ही उन पार्टियों का भी लिस्ट है, जिन्हें ये चुनावी चंदा दिया गया था।

Electoral Bond Case

चुनाव आयोग की ओऱ से साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि चुनावी बांड के माध्यम से चुनावी चंदा हासिल करने वालों में सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी बीजेपी है। बीजेपी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए का चंदा मिला हैं। चुनावी बॉन्ड इनकैश कराने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, AIADMK, बीआरएस, शिवसेना, TDP, YSR कांग्रेस, डीएमके, JDS, एनसीपी, जेडीयू और राजद इत्यादि राजनितिक पार्टी भी शामिल हैं।

चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों की लिस्ट में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा और अन्य नाम शामिल हैं।

चुनाव आयोग ने https://eci.gov .in/candidate-politicparty पर चुनावी बॉन्ड का विवरण अपलोड किया है। चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च तक डेटा सार्वजनिक करने का आदेश जारी किया था। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में डेटा जमा किया था। कोर्ट के निर्देश पर SBI ने चुनाव आयोग को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी का विवरण दिया था।

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राजनीतिक पार्टी को किस डोनर ने दिया कितना डोनेशन?

– फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये
– मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये
– क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये
– वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये
– हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये
– भारती ग्रुप – 247 करोड़ रुपये
– एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये
– वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये
– केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये
– मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये
– डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये
– यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल – 162 करोड़ रुपये
– उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये
– जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये
– बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये
– रूंगटा संस – 100 करोड़ रुपये
– डॉ रेड्डीज – 80 करोड़ रुपये
– पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये
– नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये
– शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये
– एडलवाइस ग्रुप – 40 करोड़ रुपये
– सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये
– लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये
– ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये
– जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये
– बजाज ऑटो – 25 करोड़ रुपये
– सन फार्मा लैबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये
– मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये
-बजाज फाइनेंस – 20 करोड़ रुपये
– मारुति सुजुकी इंडिया – 20 करोड़ रुपये
– अल्ट्राटेक – 15 करोड़ रुपये
– टीवीएस मोटर्स – 10 करोड़ रुपये

4 मार्च को SBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था। जिसमे SBI का कहना था कि डेटा का मिलान करने में समय लग सकता है तो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक की मोहलत मांगी गई थी।

Electoral Bond Case

इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में SBI की याचिका पर सोमवार (11 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 40 मिनट सुनवाई की थी। SBI ने कोर्ट से कहा था- ‘बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए।’ इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा- ‘पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया?’ सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा- ‘SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे।’

इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 2017 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश की थी। SBI से इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है। सरकार का दावा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग और चुनाव व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। साथ ही ब्लैक मनी पर भी रोक लगेगा।

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दूसरी ओर, इसका विरोध करने वालों का तर्क था कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले की पहचान जाहिर नहीं की जाती है, इससे ये चुनावों में काले धन के इस्तेमाल का जरिया बन सकते हैं।

बाद में योजना को 2017 में ही चुनौती दी गई, लेकिन सुनवाई 2019 में शुरू हुई। 12 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनितिक पार्टियों को निर्देश दिया कि वे 30 मई, 2019 तक में एक लिफाफे में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग को दें। हालांकि, कोर्ट ने इस योजना पर रोक नहीं लगाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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