दुर्ग, 30 जुलाई। ED Raid Breaking : प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज सुबह दुर्ग जिले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक तीनों भाइयों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। मोक्षित के कार्यालय में भी छापे की कार्रवाई चल रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) से जुड़े लगभग ₹411–550 करोड़ के घोटाले में एसीबी व ईओडब्ल्यू ने रायपुर, दुर्ग एवं हरियाणा में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें मोक्षित कॉर्पोरेशन के शशांक चोपड़ा के घर और कार्यालय शामिल थे। इस मामले में ₹550 करोड़ घोटाले की चार्जशीट लगभग 18,000 पन्नों की तैयार की गई, जिसमें 6 आरोपियों, मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा समेत पर आरोप तय किए गए और उन्हें 10 जून 2025 तक न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था।
₹411 करोड़ आरोप के तहत जमानत अर्जी खारिज की गई थी, हाईकोर्ट ने इसे संगठित आर्थिक अपराध करार देते हुए कहा कि जमानत से भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलेगा। शशांक चोपड़ा को ड्रग-ट्यूब जैसी वस्तुओं को बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दर पर सप्लाई करने का आरोप लगाया गया, उदाहरण के तौर पर ₹8 वालों की EDTA ट्यूब ₹2,352 में खरीदी जाना।
मोक्षित कॉर्पोरेशन (ED Raid Breaking) को फरवरी 2025 में तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए 789 उपकरण खराब मिले, और 215 उपकरण इंस्टॉल ही नहीं किए गए।