AB News

Dr Bhimrao Ambedkar Hospital : रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में 4 साल से मॉर्चुरी में पड़ी लाशें सड़ी, न पहचान की कोशिश की और न ही अंतिम संस्कार हुआ

Dr Bhimrao Ambedkar Hospital

रायपुर। डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में कोरोना के समय मतलब 4 साल पहले इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले तीन अज्ञात शव आज भी वहां की मॉर्चुरी में रखे हुए हैं। इन्हें ऐसे ही पीपीई किट में लपेटकर बाहर रख देने के कारण अब लाशें सड़ गई हैं और सिर्फ हड्डियां बची हैं। सबसे आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस दौरान न तो इनकी पहचान के लिए कोई प्रयास किए गए और न ही इनका अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार नहीं होने पर अस्पताल प्रबंधन से चौंकाने वाला जवाब मिला है कि कोरोना से मौत मामले में अंतिम संस्कार मजिस्ट्रेट के सामने ही होना है। हमने कई बार चिठ्ठी लिखकर समय मांगा, लेकिन कभी चुनाव तो कभी बैठक का हवाला देकर तारीख बढ़ाते रहे। इन तीनों शव के रिकाॅर्ड भी गायब हैं, इससे यह भी पता नहीं कि शव महिला के हैं या पुरुष के।

READ MORE – CHHATTISGARH : चुनाव से पहले कांग्रेस नेता अमर गिदवानी और तेज कुमार बजाज बीजेपी में शामिल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2020 में जब कोरोना की पहली लहर का कहर फैला था, तब तीनों को इलाज के लिए भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनका कोविड वार्ड में इलाज किया गया और तीनों की अलग-अलग समय में मौत हो गई।

Dr Bhimrao Ambedkar Hospital

कोरोना को लेकर लोगो में इतनी दहशत थी कि कोई शव को छू भी नहीं रहा था। इसलिए तीनों की मौत के बाद उनके शव तुरंत पीपीई ​किट में पैक कर मॉर्चुरी में रखवा दिए गए थे। परिजनों के इंतजार में शव वहीं मॉर्चुरी में पड़ा रहा। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर में इतनी मौतें बढ़ीं कि मॉर्चुरी में शव रखने की जगह तक नहीं बची। लाशों की संख्या बढ़ने पर तीनों शवों को मॉर्चुरी के पीछे कमरे में रख दिया गया।

उसके बाद से किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली। न किसी ने पीपीई कीट खोलकर देखा। इस बीच उसमें कीड़ा लग गए और चार साल में शव कंकाल में बदल गया है। पिछले माह से पुरानी मॉर्चुरी तोड़कर नई बनाने का काम शुरू हुआ। तब तीनों शव को वहां से हटाकर दूसरे कमरे में रखा गया। इससे पूरा मामला सामने आया।

READ MORE – LOK SABHA ELECTION 2024 : छत्‍तीसगढ़ की एकलौती बस्तर सीट पर पहले चरण के लिए नामांकन होगा आज से शुरू, 1,961 मतदान केंद्र

Exit mobile version