AB News

Delhi Pollution : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण आज से GRAP-4लागू, 10वीं-12वीं को छोड़कर सभी क्लासेस ऑनलाइन होंगीं, भारी वाहन प्रतिबंधित

Delhi Pollution

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि रविवार शाम को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार दर्ज किया गया, जो बेहद ही गंभीर श्रेणी में आता है। इसके चलते कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे फेज को लागू करने का ऐलान किया है।

इस बीच दिल्ली में 10वीं और 12वीं क्लास को छोड़कर अन्य सभी स्कूलों को बंद किया कर दिया गया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने ऐलान किया है कि सोमवार से GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद होंगी। अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चलेंगी।

Delhi Pollution

अब तक 5वीं तक क्लासेस ऑनलाइन मोड में लग रही थीं। दरअसल ग्रैप-3 लागू होने के बाद प्राइमरी स्कूलों को बंद किया जाता है। दिल्ली में पहले से ग्रैप-3 लागू है। वहीं सोमवार से ग्रैप-4 लागू होने के साथ पाबंदियां बढ़ेंगी और बाकी क्लासेस के स्कूलों को भी बंद किया जाएगा। ग्रैप-4 में सरकारों को कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की भी सिफारिश की गई है।

इन पाबंदियों के चलते राष्ट्रीय राजधानी में भारी वाहनों के प्रवेश और सार्वजनिक निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी। केवल आवश्यक सामान और सेवाओं लगे डीजल चालित बीएस-4 और उससे नीचे के भारी वाहनों, इलेक्ट्रिक और बीएस-छह डीजल के ट्रकों को पाबंदियों से छूट मिलेगी।

10वीं-12वीं को छोड़ सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं, दिल्ली-NCR राज्यों में सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या आधी करने पर भी विचार किया जा रहा है। 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी जा सकती है।

Delhi Pollution

राजधानी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण के स्तर को 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।

​​​​​​AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।

 

Exit mobile version