Delhi High Court
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार लको एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर गंगाराम अस्पताल को एक मृत व्यक्ति के फ्रीज कराएं गए स्पर्म से उनके माता पिता को बच्चा पैदा करने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने कहा कि अगर स्पर्म के मालिक सकी सहमति मिल जाएं तो उसकी मौत के बाद बच्चा पैदा करने पर कोई आपत्ति नही है।
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दरअसल, इस मामले में कोर्ट के जस्टिस प्रतिभा एस सिंह ने फैसला सुनाते हुए सर गंगाराम अस्पताल को आदेश दिया कि दंपती को उनके मृत अविवाहित बेटे के फ्रीज रखे गए स्पर्म को तुरंत दे दें, ताकि उनका वंश सरोगेसी के माध्यम से आगे बढ़ सके। कोर्ट ने आगे कहा कि- “भारतीय कानून अधिनियम के तहत अगर स्पर्म के मालिक की सहमति का सबूत पेश किया जाता है तो उसके मौत के बाद भी बच्चा पैदा किया जा सकता है।“
Delhi High Court
क्या है मामला
बता दें कि, याचिकाकर्ता के बेटे 2020 में कैसर से पीड़ित था। वही उसको कैंसर के ईलाज में कीमोथेरेपी करने से पहले उसके एग्स के नमूने को फ्रीज करवा दिया गय़ा था क्योंकि डॉक्टरों ने बताया था कि कीमोथेरेपी में बांझपन हो सकता है। इसलिए उनके बेटे ने अस्पताल में अपने एग्स फ्रीज करवाने का फैसला किया और जब मृतक के माता अपने बेटे फ्रीज कराए गए स्पर्म के नमूने लेने गए तो अस्पताल ने अदालत के आदेश के बिना नमूने नही दे सकते।
बता दें कि, अदालत ने 84 पन्नों के फैसले में सर गंगाराम अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह दंपती को उनके अविवाहित मृत बेटे का फ्रीज किया हुआ वीर्य सौंपे। यह कदम दंपती को सरोगेसी के जरिए अपने पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।