Delhi AIIMS
नई दिल्ली। यह मेडिकल साइंस की एक अद्भुत उपलब्धि है। सूत्रों के मुताबिक एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने जिस तरह से इस दुर्लभ “इनकंप्लीट पैरासाइट ट्विन” केस को सफलतापूर्वक ऑपरेट किया, वह बहुत सराहनीय है।
जानिए क्या था मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 17 वर्षीय लड़के के पेट से दो अतिरिक्त पैर लटक रहे थे, जो उसके अधूरे विकसित जुड़वां भ्रूण का हिस्सा थे। इस स्थिति को “इनकंप्लीट पैरासाइट ट्विन” कहा जाता है, जिसमें गर्भ में दो भ्रूणों में से एक का विकास रुक जाता है और अविकसित भ्रूण दूसरे भ्रूण से जुड़ा रह जाता है। यह दुर्लभ स्थिति है और अब तक केवल 40 ऐसे मामले ही ग्लोबल स्तर पर सामने आए हैं।
Delhi AIIMS
कैसे हुआ ऑपरेशन?
एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. असुरी कृष्णा और उनकी टीम ने इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक सावधानी बरती गई ताकि मरीज के आंतरिक अंगों को कोई नुकसान न पहुंचे। इस सफल ऑपरेशन के बाद अब यह लड़का सामान्य जीवन जी सकेगा।
इस तरह की सर्जरी को पहली बार एम्स में किया गया है, जो भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सर्जरी साबित करती है कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली जटिल जन्मजात विकृतियों के उपचार में भी सक्षम है। डॉक्टरों की टीम की यह उपलब्धि देश के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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इस सर्जरी का महत्व
- भारत में इस उम्र में किया गया पहला ऑपरेशन
- विश्व स्तर पर ऐसे केवल 40 मामले दर्ज
- समय पर इलाज से बच्चे को नया जीवन मिला
- भारतीय चिकित्सा विज्ञान में एक और बड़ी उपलब्धि
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