DANTEWADA DISTRICT HOSPITAL
दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 10 ग्रामीणों की आंख में संक्रमण का मामला सामने आया है। इससे स्वास्थ विभाग की एक बड़ी लापरवाही नजर आती है। मरीजों के ऑपरेशन के पहले ऑपरेशन थियेटर को सैनेटाइज करने के लिए मेडिकल प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के सरकारी अस्पताल में 22 अक्टूबर को 20 लोगों का ऑपरेशन किया था। जिसके बाद गुरुवार को 10 लोगों ने आंख में संक्रमण की शिकायत की। तब एक मरीज को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज और 9 लोगो को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया।
वहीं रायपुर में भर्ती होने के 3 घंटे के भीतर सभी मरीजों की आंख का दोबारा ऑपरेशन किया गया। देर शाम जगदलपुर में भर्ती मरीज को भी रायपुर भेज दिया गया। अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डा. संतोष सोनकर ने बताया कि एक-दो दिन बाद ही मरीजों की आंखों की स्थिति का पता चल सकेगा। फिलहाल उन्हें नेत्र रोग विभाग में अलग वार्ड में रखा गया है। जहा जूनियर डाक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
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ये वजह आई सामने, बंद थी ओटी
बताया जा रहा है कि दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के जिस ओटी में ऑपरेशन कराया गया है। वह ओटी पिछले एक साल से बंद थी। जहां ऑपरेशन थियेटर को सेनिटाइज करने में मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया, यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं विशेषज्ञ बताते हैं कि ओटी को पहले फार्मेल्डिहाइड फ्यूमीगेशन करवाना था।
इसके बाद कम से कम 48 घंटे तक इसे बंद रखा जाना था। जबकि ऐसा नहीं किया। फ्यूमीगेशन के कुछ समय बाद ओटी खोल दिया गया। जबकि ओटी कल्चर टेस्ट कराया जाना था, नहीं कराया गया। जहां प्रबंधन की लापरवाही के चलते दर्जन भर से ज्यादा लोगों को अपनी आंखें तक गंवानी पड़ सकती थी।