Cyclone Alfred
ऑस्ट्रेलिया। प्रशांत महासागर में उठा चक्रवाती तूफान ‘अल्फ्रेड’ शनिवार सुबह करीब 6 बजे ऑस्ट्रेलिया के तट से टकराया। इसने ब्रिस्बेन के पास मोरेटन बे द्वीप को सबसे पहले प्रभावित किया और अब यह ब्रिबी द्वीप की ओर बढ़ रहा है। तूफान के कारण 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है।
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तूफान का कहर
तेज़ हवाओं से पेड़ उखड़ गए और बिजली की लाइनों को नुकसान हुआ, जिससे 2.5 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। वहीं कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तूफान दक्षिण-पूर्व क्वींसलैंड और उत्तरी न्यू साउथ वेल्स की ओर बढ़ रहा है, जहां अगले 12-24 घंटों में भारी बारिश और जानलेवा बाढ़ का खतरा है।
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प्रधानमंत्री की चेतावनी
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अलबनीज ने लोगों को सचेत रहने और घरों के अंदर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि तूफान कमजोर पड़ रहा है, लेकिन यह अभी भी भारी तबाही मचा सकता है।
प्रभावित क्षेत्र और खतरा बढ़ा
- लिस्मोर, ग्राफ्टन, कॉफ़्स हार्बर, टेंटरफील्ड, यम्बा, वूलगूल्गा, सॉटेल, डोर्रिगो इलाकों में तूफान का असर दिखने लगा है।
- लिसमोर नदी का जल स्तर 8.41 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान (8.84 मीटर) के बेहद करीब है।
- ब्रिबी द्वीप और मारूचीडोर के बीच भूस्खलन की भी आशंका जताई गई है।
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नेरंग में हालात सबसे गंभीर
तो वहीं क्वींसलैंड में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है और नेरंग क्षेत्र में 6,000 लोग तूफान का सीधा प्रभाव झेल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश जारी रही, तो उत्तरी नदियों में जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और भयानक हो सकती है।
स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं अधिकारी
मौसम विज्ञान ब्यूरो (BoM) लगातार हालात की निगरानी कर रहा है। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और जलभराव के कारण बचाव अभियान में बाधाएं आ रही हैं।