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2200 करोड़ का भ्रष्टाचार! बढ़ रही सत्यपाल मलिक की मुसीबतें, CBI ने बदामद की…….ये

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक मुसीबत बढ़ती नजर आ रही हैं, गुरुवार को सीबीआई की छापेमारी कार्रावाई में कैश डिपॉजिट, एफडी में निवेश, अलग-अलग शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश के साथ-साथ डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री एविडेंस बरामद किए गए हैं, ये दावा सीबीआई की ओर से किया गया है, जांच एजेंसी की एक टीम यूपी के बागपत में मलिक के पैतृक घर में गई थी. उनका पैतृक घर हिसावडा गांव में है. सीबीआई की टीम ने यहां जाकर गांव में उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी.

सत्यपाल मलिक

सीबीआई की टीम ने सत्यपाल मलिक के दिल्ली के आरके पुरम, द्वारका और एशियन गेम्स विलेज स्थित घर पर छापेमारी की. इसके साथ-साथ गुरुग्राम और बागपत में भी उनकी संपत्तियों पर छापा मारा. बागपत में उनके पैतृक घर की भी तलाशी ली. सीबीआई ने उनके घर का दरवाजा खोला और वीडियोग्राफी की. रिश्तेदारों ने सीबीआई को बताया कि गांव में मलिक की और कोई संपत्ति नहीं है.

बता दे कि सत्यपाल मलिक के घर और उनसे जुड़े 29 ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई हुई है. ये छापेमारी कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की गई थी. सीबीआई ने बताया कि जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बागपत, नोएडा, पटना, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, नागपुर और चंडीगढ़ में छापेमारी की गई थी. मलिक के अलावा सीबीआई ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के कई अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापा मारा.

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ये पूरी छापेमारी चिनाब नदी पर बन रहे कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) में 2,200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हुई, ये पूरा मामला टेंडर से जुड़ा हुआ है. दर्ज एफआईआर में आरोप है कि 2,200 करोड़ रुपये का ये टेंडर जारी करते वक्त गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया, CVPPPL की 47वीं बोर्ड मीटिंग में इस टेंडर को रद्द करने का फैसला लिया गया. लेकिन अगली ही मीटिंग में ये टेंडर फिर से अन्य कंपनी को दे दिया गया.

ऐसे फंसे सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे. मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलें क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इनमें से एक फाइल कीरू प्रोजेक्ट से जुड़ी थी. मलिक ने जब रिश्वत का ऑफर मिलने का दावा किया था, तब वो मेघालय के राज्यपाल थे. उनके दावे के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सीबीआई से इस प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की थी.

छापेमारी कार्रवाई के बाद मलिक ने एक्स पर लिखा, ‘मैं 3-4 दिन से बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. इसके बावजूद तानशाह सरकारी एजेंसियों के माध्यम से मेरे घर पर रेड डलवा रहे हैं. मेरे ड्राइवर और असिस्टेंट के घर भी छापा मारा गया और जबरन परेशान किया गया. मैं किसान का बेटा हूं. मैं इन सबसे नहीं डरूंगा. मैं किसानों के साथ हूं.’ उन्होंने कहा कि ‘जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उनकी जांच करने की बजाय मेरे घर पर छापा मारा गया. उन्होंने 4-5 कुर्ता-पायजामा के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह मुझे डराने की कोशिश कर रहा है. मैं न ही डरूंगा और न ही झुकूंगा.’

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