Corona News Update
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है। 31 मई 2025 को भारत में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2710 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 511 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं, जबकि 255 लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं। इस दौरान 7 लोगों की मौत भी हुई है। जनवरी 2025 से अब तक कुल 1170 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है।
इस बार कोरोना के चार नए वैरिएंट सामने आए हैं, जिनमें JN.1, LF.7, XFG और NB.1.8.1 शामिल हैं। इनमें से सबसे अधिक फैलने वाला वैरिएंट JN.1 है, जो तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है, लेकिन इसके लक्षण हल्के हैं। अधिकतर मरीजों में सर्दी, खांसी, हल्का बुखार और बदन दर्द जैसे सामान्य लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन वैरिएंट्स को फिलहाल चिंताजनक की जगह निगरानी वाले वैरिएंट की श्रेणी में रखा है।
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केरल में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है, जहां एक्टिव केस 727 तक पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुष्टि की है कि राज्य में LF.7 वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में भी 84 नए मामलों के साथ इस साल की शुरुआत से अब तक कुल 681 केस दर्ज हो चुके हैं। राजस्थान में 24 घंटे के भीतर 15 नए मामले आए हैं, जिनमें से सबसे अधिक केस राजधानी जयपुर में पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में फिलहाल 59 एक्टिव केस हैं, जिसमें से अकेले नोएडा में 43 मामले हैं। बिहार के पटना में एक जूनियर डॉक्टर समेत 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मंत्रालय ने बड़े आयोजनों पर रोक लगाने, फेस मास्क के उपयोग को बढ़ावा देने और अस्पतालों में जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। खासतौर पर राजस्थान को निर्देश दिया गया है कि 2 जून तक सभी अस्पतालों की तैयारी पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
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एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि JN.1 वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह जरूर तेजी से फैलता है, लेकिन गंभीर मामलों की संख्या बहुत कम है। अस्पताल में भर्ती होने की दर भी बेहद कम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मुमकिन है कि मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट पर उतनी प्रभावी न हो, लेकिन अगर चौथी लहर आती भी है तो यह 21 से 28 दिन तक सीमित रह सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है।