बिलासपुर 02 अगस्त। Conversion Case : दुर्ग रेलवे स्टेशन से मानव तस्करी व धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार दो केरल के प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस तथा आदिवासी युवक सुकमन मंडावी को NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत ने शर्तिया ज़मानत मंजूर कर दी है। यह फैसला बिलासपुर एनआईए कोर्ट, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने सुनाया। अदालत ने एक दिन पहले ही हिरासत और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर दो जमानत बांड मंजूर किए थे, साथ ही पासपोर्ट जमा करने और देश नहीं छोड़ने की शर्त भी रखी।
25 जुलाई मामला सामने आया
GRP (रेल सुरक्षा बल) ने दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दिया गया एक बजरंग दल कार्यकर्ता फिलिंग के आधार पर दो नन (तीर्थयात्री) और सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि ये तीनों नारायणपुर की प्रशिक्षित तीन नाबालिग लड़कियों को आगरा ले जा रहे थे, जहां उन्हें धर्मांतरण कराया जाना था और लड़कियों को धोखे से तस्करी की योजना बनाई गई थी। धारा 4 (Chhattisgarh Freedom of Religion Act) और IPC की मानव तस्करी (§ 143(3)) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई, और मामले को NIA कोर्ट (बिलासपुर) में भेजा गया था।
कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया
Durg स्थित Sessions कोर्ट ने 30 जुलाई को यह कहते हुए दोनों ननों की जमानत याचिका खारिज कर दी कि वह NIA एक्ट के तहत सुनवाई करने की अनुमति प्राप्त नहीं है, इसलिए उन्हें Bilaspur NIA कोर्ट जाना होगावाले आदेश जारी किए गए। उसके दो दिन बाद, एनआईए कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ज़मानत आदेश सुरक्षित रखा, और 2 अगस्त को सशर्त ज़मानत मंजूर कर दी।
‘पीड़िता’ ने बदला बयान
कथित पीड़ित आदिवासी युवती ने अब यह बयान दिया कि उसे धमकी-धमकाकर ऐसा बयान लेने के लिए मजबूर किया गया, और ननों ने उनसे कोई गलत काम नहीं किया। उसने कहा कि उनकी मर्जी से और परिवार की सहमति से वो यात्रा कर रही थी, और इसमें ननों की कोई भूमिका नहीं थी। एक रिक्शाचालक ने भी दावा किया कि ननों और लड़कियों के बीच कोई संदिग्ध बातचीत नहीं सुनी, जिससे साजिश का शक पुख़्ता हुआ है।
केरल‑ओडिशा सांसद प्रतिनिधिमंडल का दौरा
UDF और कांग्रेस के सांसदों ने दुर्ग केंद्रीय जेल में ननों से मुलाकात की और बाद में रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ननों की रिहाई और झूठे आरोपों के खिलाफ आवाज़ उठाने का फैसला किया।
CBCI अध्यक्ष की प्रेस वार्ता
मेरुथुर अभिधर्शक मार एंड्रयूज़ थज़ाथ ने छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात कर पूछा कि क्या सरकार साम्प्रदायिक तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रही है, ननों की रिहाई की मांग की।
डिलीगेशन मिलना से मना, विवादित रवैया
Left नेताओं (वृंदा करात सहित) को जेल प्रशासन ने मिलने से मना कर दिया, जिस पर उन्होंने ग़र्टन अधिनियम का उल्लंघन है करार देते हुए सरकार की आलोचना की।